मोदी,सुगा ने बुलेट ट्रेन परियोजना पर की चर्चा
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डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के बीच यहां हुई द्विपक्षीय बातचीत के दौरान मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना पर विशेष रूप से चर्चा हुई और दोनों नेताओं ने इसकी अच्छी प्रगति पर संतोष व्यक्त किया है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को बातचीत के बाद मीडिया ब्रीफिंग में कहा,‘‘ प्रधानमंत्री मोदी और जापानी प्रधानमंत्री सुगा ने बुलेट ट्रेन को लेकर इस परियोजना के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने परियोजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री सुगा ने इस परियोजना को आगे बढ़ाने में विशेष रुचि ली है। ’’ उन्होेंने कहा, ‘‘ दोनों प्रधानमंत्रियों ने मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना के सुचारु और समय पर क्रियान्वयन को सुगम बनाने के लिए अपने अग्रिम प्रयासों के प्रति प्रतिबद्धता जतायी है। ’’मुंबई-अहमदाबाद के बीच 500 किलोमीटर से अधिक लम्बी बुलेट ट्रेन परियोजना 110,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरी की जा रही है, जिसमें से 88,000 करोड़ रुपये जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) की ओर से दिए जा रहे हैं। श्री मोदी ने बाद में ट्वीट में कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री सुगा के साथ उनकी बैठक बहुत अच्छी रही। जापान भारत का सबसे अहम साझीदार है। प्रधानमंत्री सुगा के साथ उनकी विभिन्न विषयों पर एक अच्छी बैठक हुई, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा।
श्री मोदी ने ट्विटर पर कहा, ‘‘ भारत और जापान के बीच मित्रता पूरे विश्व के लिए शुभ संकेत हैं।’’ विदेश सचिव ने कहा बैठक के दौरान प्रधानमंत्री सुगा ने विशेष रूप से कई अवसरों पर भारत और जापान के विशेष संबंधों और दोनों देशों को एक साथ जोड़ने वाली वैश्विक साझेदारी का उल्लेख किया। ’’ श्री मोदी ने वैश्विक महामारी के बीच टोक्यो ओलंपिक और पैरा ओलंपिक दोनों की सफलतापूर्वक मेजबानी करने के लिए जापानी प्रधानमंत्री को भी विशेष रूप से धन्यवाद दिया। दोंनो राष्ट्रों के शीर्ष नेताओं ने अफगानिस्तान सहित हाल की वैश्विक घटनाओं पर चर्चा की। दोनों नेता रक्षा उपकरणों और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय, सुरक्षा और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने विनिर्माण, एमएसएमई और कौशल विकास में द्विपक्षीय भागीदारी विकसित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री सुगा ने श्री मोदी को अवगत कराया कि इस साल की शुरूआत में निर्दिष्ट कुशल श्रमिक (एसएसडब्ल्यू) समझौते को लागू करने के लिए जिस पर हस्ताक्षर किए गए थे, जापानी की ओर से वर्ष 2022 की शुरुआत से भारत में कौशल और भाषा का परीक्षण किया जाएगा। भारत और जापान के बीच एक समझौता है जो भारतीय पेशेवरों को निश्चित अवधि के लिए जापान में काम करने में मददगार बनायेगा। दोनों पक्षों ने विभिन्न उभरती प्रौद्योगिकियों में और सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया। बयान में यह भी कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दों और हरित ऊर्जा की तरफ पहल करने और भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन के साथ जापानी सहयोग की संभावना पर भी चर्चा हुई।
भारत-जापान ने डिजिटल साझेदारी का विशेष रूप से स्टार्टअप क्षेत्र में उल्लेख किया और दोनों ने 5जी और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भविष्य में सहयोग का आदान-प्रदान पर विचार किया। दोनों पक्षों ने विश्वास व्यक्त किया कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंधों में जो उपलब्धि हासिल हुई है वह जापान में अगले प्रशासन के दौरान भी जारी रहेगी। श्री मोदी ने कहा कि वह अगले भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में जापान के अगले प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। श्री सुगा ने कहा है कि वह इस महीने पार्टी के नेता के रूप में फिर से चुनाव नहीं लड़ेंगे, जो उनके कार्यकाल की समाप्ति का संकेत दे रहा है।
वार्ता