दिवंगत राष्ट्रपति एफडब्ल्यू डी क्लार्क का राजकीय तरीके से अंतिम संस्कार नहीं होगा

दक्षिण अफ्रीकी दिवंगत राष्ट्रपति एफडब्ल्यू डी क्लार्क का राजकीय तरीके से अंतिम संस्कार नहीं होगा

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-15 10:00 GMT
दिवंगत राष्ट्रपति एफडब्ल्यू डी क्लार्क का राजकीय तरीके से अंतिम संस्कार नहीं होगा
हाईलाइट
  • समावेशी वार्ता की थी शुरूआत

डिजिटल डेस्क, जोहान्सबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के दिवंगत राष्ट्रपति एफडब्ल्यू डी क्लार्क का अंतिम संस्कार परिवार के सदस्यों के लिए निजी तौर पर 21 नवंबर को संपन्न होगा। यह घोषणा की गई कि समारोह में मीडिया को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी। आधिकारिक अंतिम संस्कार नीति नियमावली के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति राजकीय अंतिम संस्कार के हकदार हैं।

डी क्लार्क मेसोथेलियोमा कैंसर के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे। उनका केप टाउन में घर पर 10 नवंबर को निधन हो गया और उनके अंतिम संस्कार का मुद्दा एक बहस बन गया है। एक विचार यह है कि डी क्लार्क का राजकीय अंतिम संस्कार नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वह रंगभेद शासन के राष्ट्रपति थे जिसके तहत कई काले दक्षिण अफ्रीकी पीड़ित हुए। साल 2020 में एक साक्षात्कार में वह इस बात से सहमत नहीं थे कि रंगभेद मानवता के खिलाफ एक अपराध है जिसे बाद में उन्होंने वापस ले लिया और इसके लिए माफी भी मांगी।

दक्षिण अफ्रीका के संक्रमण में उनका योगदान कुछ दक्षिण अफ्रीकी लोगों के बीच भी विवादास्पद बना हुआ है। डी क्लार्क का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अपने अंतिम संदेश में रंगभेद ने देश में काले, भूरे और भारतीय लोगों को जो चोट पहुंचाई। उसके लिए एक वीडियो क्लिप के जरिए माफी मांगी।

उन्होंने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि रंगभेद 1980 के दशक से गलत था। जोहान्सबर्ग में 1936 में जन्मे डी क्लार्क एक कैबिनेट मंत्री के बेटे थे। उन्होंने सितंबर 1989 से मई 1994 तक अपनी अध्यक्षता के दौरान समावेशी वार्ता की शुरूआत की और अध्यक्षता की जिसके कारण 1948 में स्थापित रंगभेद को समाप्त किया गया और दक्षिण अफ्रीका में दिसंबर 1993 में लोकतांत्रिक संविधान की पहल को पूरी तरह से अपनाया गया। उन्होंने और नेल्सन मंडेला जो बाद में दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने। उनके साथ 1993 का नोबेल शांति पुरस्कार साझा किया था।

 

(आईएएनएस)

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