Border Dispute: चीन के साथ संघर्ष में भारत का साथ देगी अमेरिकी सेना- व्हाइट हाउस
Border Dispute: चीन के साथ संघर्ष में भारत का साथ देगी अमेरिकी सेना- व्हाइट हाउस
- अमेरिका ने कहा
- चीन के दुराचार को और नहीं सहा जाएगा
- भारत-चीन के बीच विवाद बढ़ने पर भारत के साथ अमेरिका
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। लद्दाख में बॉर्डर को लेकर भारत और चीन के बीच कई हफ्तों से जारी तनातनी में अब नरमी के संकेत दिखाई दे रहे हैं। इसी बीच अमेरिका ने ऐलान किया है कि, अगर भारत-चीन के बीच विवाद ज्यादा बढ़ता है, युद्ध या संघर्ष जैसे हालात बनते हैं तो उनकी सेना भारत का साथ देगी। व्हाइट हाउस की ओर से साफ कहा गया है कि, चीन के दुराचार को अब और नहीं सहा जाएगा। बता दें कि, अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अपनी नेवी की भी तैनाती कर दी है।
व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में भारत-चीन के मसले पर कहा, हमारी सेना हर वक्त तैनात है और किसी भी मुकाबले के लिए तैयार है। व्हाइट हाउस ने कहा है, वे चीन को दादागिरी नहीं करने दे सकते। मार्क ने कहा, अमेरिकी प्रशासन ने हमेशा अपनी सेना का साथ दिया है। अगर कोई दिक्कत पैदा करेगा तो उससे निपटने के लिए सेना पूरी तरह तैयार है।
मार्क ने एक सवाल के जवाब में फॉक्स न्यूज से कहा, संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि हम खड़े होकर चीन या किसी और को सबसे शक्तिशाली, प्रभावी होने के संदर्भ में कमान नहीं थामने दे सकते, फिर चाहे वह उस क्षेत्र में हो या यहां। व्हाइट हाउस के इस ऐलान के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ट्वीट कर कहा, चीन के कारण अमेरिका समेत पूरी दुनिया को भारी क्षति पहुंची है।
China has caused great damage to the United States and the rest of the World!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) July 6, 2020
गौरतलब है कि, अमेरिकी नौसेना द्वारा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने के लिए दक्षिण चीन सागर में दो विमान वाहक पोत तैनात किये है। इस मसले पर मार्क ने कहा, अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में दो विमान वाहक पोत भेजे हैं। हमारा मिशन यह सुनिश्चित करना है कि, दुनिया जाने कि हमारे पास अब भी उत्कृष्ट बल है। चीन लगभग समूचे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है। इंटरव्यू के दौरान मीडोज ने भारत के चीनी ऐप्स पर बैन लगाने के फैसलों को भी सराहा है।
बता दें कि लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया था।