परमाणु प्रदूषित जल को समुद्र में छोड़ना बंद करे जापान
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी परमाणु प्रदूषित जल को समुद्र में छोड़ना बंद करे जापान
- जापान को अपनी गलती ठीक कर अपनी योजना बंद करनी चाहिए
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। एक साल पहले 13 अप्रैल को जापान सरकार ने फुकुशिमा परमाणु बिजली संयंत्र के प्रदूषित जल को समुद्र में छोड़ने का फैसला किया। हाल ही में टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आलोचना और व्यापक जापानी जनता के विरोध के बावजूद योजनानुसार इस अप्रैल के मध्य में प्रदूषित जल छोड़ने के लिए समुद्री तल पर निकासी द्वार का निर्माण करेगी।
जापानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार जमीनी स्तर पर आंशिक परियोजना पूरी हो चुकी है। अनुमान है कि अगले साल के वसंत में प्रदूषित जल छोड़ा जाएगा।
इस साल के शुरू में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के जांच दल ने जापान जाकर प्रदूषित जल छोड़ने से मानव और पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव का आकलन किया। अगले महीने इस आकलन का परिणाम घोषित होगा।
लेकिन टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने आईएईए के परिणाम की उपेक्षा कर अपनी योजना को लागू किया। इससे जाहिर होता है कि जापान दोहरा मापदंड अपना रहा है।
परमाणु प्रदूषित जल समुद्र में छोड़ना जापान का निजी मामला नहीं है। वह समग्र पृथ्वी के समुद्री पर्यावरण और विभिन्न देशों की जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा है। जापान में भी आधे लोग इस योजना का विरोध कर रहे हैं।
यूएन समुद्री कानून समझौते के मुताबिक हर देश को समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा करने का कर्तव्य है। अगर जापान अपने निजी लाभ के लिए प्रदूषित जल छोड़ने पर अड़ा रहेगा, तो एशिया व प्रशांत क्षेत्र के पड़ोसी देशों और वैश्विक समुद्र तटीय देशों को संबंधित कदम उठाने का अधिकार होगा और वे अंतर्राष्ट्रीय विधि संस्थान में जापान से मुआवजा मांगेंगे।
जापान को अपनी गलती ठीक कर अपनी योजना बंद करनी चाहिए।
(आईएएनएस)