जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख ने तालिबान नेतृत्व से मुलाकात की, कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए मांगी 'मदद'

सूत्रों के हवाले से खबर जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख ने तालिबान नेतृत्व से मुलाकात की, कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए मांगी 'मदद'

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-27 13:32 GMT
जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख ने तालिबान नेतृत्व से मुलाकात की, कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए मांगी 'मदद'
हाईलाइट
  • कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी गई
  • जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मसूद अजहर अगस्त के तीसरे सप्ताह में कंधार में था

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर अगस्त के तीसरे सप्ताह में कंधार में था। मसूद अजहर ने  जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए तालिबान से समर्थन मांगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी  गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है, मसूद अजहर ने पॉलिटिकल कमीशन के प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर सहित तालिबान नेताओं से मुलाकात की। अजहर ने कश्मीर घाटी में जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशन के लिए तालिबान से मदद मांगी थी। इससे पहले, मसूद अजहर ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान की "जीत" पर खुशी व्यक्त की थी। 16 अगस्त को जेईएम प्रमुख ने मंज़िल की तरफ़ टाइटल से तालिबान की तारीफ करते हुए एक लेख लिखा था।

मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि तालिबान की जीत पर पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित JeM मुख्यालय में पदाधिकारियों के बीच बधाई संदेश सर्कुलेट किए जा रहे हैं। तालिबान और जैश-ए-मोहम्मद को इस्लामी कानून शरिया की व्याख्या करने में वैचारिक साथी माना जाता है। जैश-ए-मोहम्मद जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में सक्रिय है। 1999 में अपनी रिहाई के बाद से मसूद अजहर ने इसकी स्थापना की थी।

मसूद अजहर को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 में यात्रियों की सुरक्षा के बदले भारतीय जेल से रिहा किया गया था, जिसे पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था। फ्लाइट को काठमांडू से लखनऊ जाते समय हाईजैक किया गया था। इसके बाद फ्लाइट को अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया, जहां उस समय तालिबान सत्ता में था। अपहृत विमान के कंधार में उतरने के तुरंत बाद, तालिबान ने एयरबस को चारों ओर से घेरे रखा जब तक मसूद अजहर सहित अन्य आतंकवादियों को भारत सरकार ने रिहा नहीं कर दिया।

ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी से जैश-ए-मोहम्मद के साथ उसके पिछले संबंध के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है। हालांकि, तालिबान ने हाल ही में कहा था कि वे किसी भी देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं होने देंगे।

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