संसद के लिए अयोग्य ठहराए गए पाक विदेश मंत्री, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला
संसद के लिए अयोग्य ठहराए गए पाक विदेश मंत्री, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बाद पाक के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ पर कोर्ट की गाज गिरी है। ख्वाजा आसिफ को कोर्ट ने संसद की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किया है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद ख्वाजा आसिफ को विदेश मंत्री के पद से इस्तीफा देना होगा। गौरतलब है कि नवाज शरीफ को भी पिछले साल पाकिस्तान की एक कोर्ट ने संसद की सदस्यता और पीएम पद के लिए अयोग्य करार दिया था। नवाज शरीफ के खिलाफ यह फैसला पनामा पेपर लीक मामले में उनकी विदेश में संपत्ति को लेकर दिया गया था। इसके बाद नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद भी छोड़ना पड़ा था। ख्वाजा आसिफ को अयोग्य करार देने के बाद पाकिस्तान की सत्तारुढ़ पार्टी पीएमएल (एन) के लिए यह एक दूसरा बड़ा झटका माना जा रहा है।
ख्वाजा आसिफ के पास संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का वर्क परमिट होने के कारण उन्हें अयोग्य ठहराया गया है। पिछले साल उनके खिलाफ इस्लामाबाद कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। याचिका पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता उस्मान दार ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि ख्वाजा आसिफ ने 2013 के आम चुनाव में अपने नामांकन पत्र में गलत जानकारी दी थी। याचिका के अनुसार, ख्वाजा आसिफ पाकिस्तान में केन्द्रीय मंत्री होने के साथ-साथ संयुक्त अरब अमीरात की आईएमईसीएल कंपनी के पूर्णकालिक कर्मचारी भी रहे और उन्हें वहां से सैलरी भी मिलती रही जो कि संविधान की शपथ की अवहेलना है।
इस याचिका पर इस्लामाबाद हाईकोर्ट के 3 जजों की बेंच ने सुनवाई की। लम्बी सुनवाई के बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया। कोर्ट ने इस मामले में याचिका को सही पाया और ख्वाजा आसिफ को संसद की सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिया। कोर्ट के इस फैसले के आने के बाद तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के कार्यकर्ताओं को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर जश्न मनाते देखा जा रहा है।
Pakistan Tehreek-e-Insaf workers celebrate outside Islamabad High Court after it ruled that Foreign Minister Khawaja Asif stands disqualified from Parliament for holding an Iqama (work permit) of the United Arab Emirates. pic.twitter.com/59DyYUvXIG
— ANI (@ANI) April 26, 2018