भूकंप के झटकों से दहला इंडोनेशिया, 46 लोगों की मौत व 300 से ज्यादा घायल, कई इमारतें तबाह
भूकंप ने मचाई तबाही! भूकंप के झटकों से दहला इंडोनेशिया, 46 लोगों की मौत व 300 से ज्यादा घायल, कई इमारतें तबाह
- भूकंप के झटकों से दहला इंडोनेशिया
डिजिटल डेस्क, पूर्वी बोर्नियो द्वीप। इंडोनेशिया में 5.4 की तीव्रता का भूकंप आने के बाद हड़कंप मच गया है। खबरों के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 5.4 थी। इस हादसे में कम से कम 46 लोगों की मौत हो गई है और करीब 300 लोग घायल हो गए। एक स्थानीय अधिकारी के मुताबिक, भूकंप के कारण एक दर्जन इमारतें भी गिर गईं हैं। स्थानीय प्रशासन की मदद से घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, भूकंप के झटके इतने तेज थे कि बड़ी-बड़ी इमारतें भी देखते ही देखते जमींदोज हो गईं।
— Reuters (@Reuters) November 21, 2022
भूकंप से भारी नुकसान की संभावना
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र पश्चिम जावा प्रांत के सियांजुर क्षेत्र में था। जिसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। सियांजुर जिले के स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि घरों सहित दर्जनों इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। लोगों को इस भूकंप से काफी नुकसान हुआ है। ग्रेटर जकार्ता क्षेत्र में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। राजधानी में गगनचुंबी इमारतें तीन मिनट से अधिक समय तक हिलती रहीं और कुछ को खाली करा लिया गया।
दक्षिण जकार्ता में एक कर्मचारी विडी प्रिमाधनिया ने कहा कि भूकंप के झटके इतने तेज थे कि बचने के लिए मेरे सहयोगियों और मैंने नौवीं मंजिल पर आपातकालीन सीढ़ियों के साथ हमारे कार्यालय से बाहर निकलने का फैसला किया। रॉयटर्स के मुताबिक, कुछ लोगों ने जकार्ता के केंद्रीय व्यापार जिले में कार्यालयों को खाली कर दिया, जबकि अन्य लोगों ने इमारतों को हिलते हुए महसूस किया और फर्नीचर को हिलते हुए देखा।
पहले भी ऐसे भी चुके हैं भूंकप के जोरदार झटके
2021 फरवरी महीने में पश्चिम सुमात्रा प्रांत में 6.2 तीव्रता के भूकंप के वजह से कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 460 से अधिक घायल हो गए थे। जनवरी 2021 में पश्चिम सुलावेसी प्रांत में 6.2 तीव्रता के भूकंप से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई और लगभग 6,500 लोग घायल हुए थे। 2004 में एक शक्तिशाली हिंद महासागर भूकंप और सूनामी ने एक दर्जन देशों में लगभग 230,000 लोगों की जान ले ली, जिनमें से अधिकांश इंडोनेशिया में थे।