कोरोना के नए वैरिएंट से सफेद पड़ रहे हैं मरीजों के फेफड़े, जानिए कितना घातक है ये लक्षण जो चीन का कर रहा है हाल बेहाल
कोराना ने बढ़ाया टेंशन कोरोना के नए वैरिएंट से सफेद पड़ रहे हैं मरीजों के फेफड़े, जानिए कितना घातक है ये लक्षण जो चीन का कर रहा है हाल बेहाल
- 2021 जैसे डेल्टा कहर का मंडराया संकट
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीन में कोरोना वायरस जमकर कहर बरपा रहा है। कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार हो रहे इजाफे की वजह से दुनियाभर के कई देशों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। चीन में कोरोना से मरने वालों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। हालांकि, चीन आंकड़ों को छुपा रहा है। इसी बीच चीन से हैरान करने वाली खबर आई है। चीन में अब कोविड मरीजों के सीटी स्कैन की रिपोर्ट दुनियाभर को डराने लगी हैं। खबरों के मुताबिक, वहां मरीजों के चेस्ट के सीटी स्कैन में लंग्स सफेद नजर आ रहे हैं, जो डराने वाले हैं।
कोविड मरीजों में व्हाइट लंग्स की शिकायत
कोरोना इन दिनों काफी तेजी से अपना प्रसार कर रहा है। कोरोना संक्रमण दर में लगातार बढ़ोत्तरी से चीन के हालात खराब हो चुकी है। इसे देखते हुए भारत में अलर्ट कर दिया गया है। अब विदेश से आने वाले यात्रियों को सबसे पहले कोरोना पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट को पोर्टल पर अपलोड करना पड़ेगा। तभी यात्रा करना संभव होगी। चीनी वेबसाइट एनटीडी. कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, वुहान के कई मरीजों के सीटी स्कैन से पता चला है कि उनके फेफड़े सफेद हो चुके हैं।
यह संक्रमण लंग्स पर बुरा प्रभाव व कोरोना निमोनिया को दर्शाता है। यह साल 2020 से भी ज्यादा भयावह स्थिति को दर्शाता है। गौरतलब है कि साल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर ने दुनियाभर में आतंक मचाया था, तब इसी तरह का लंग्स इंफेक्शन देखने को मिला था। फिर इस तरह के संक्रमण के सामने आने के बाद दुनिया के सामने इससे निपटने के लिए चुनौती खड़ी हो गई है।
व्हाइट लंग्स बढ़ा सकती है तबाही
अगर व्हाइट लंग्स पर समय रहते काबू नहीं पाया गया तो मौत का आंकड़ा कई गुना हो सकता है। चीन को हर हाल में इस दंश से निकलना पड़ेगा। हालांकि, चीनी सरकार ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है। कोविड-19 के रियल टाइम मॉनिटरिंग आंकड़ों के हवाले से चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेशन के इंस्टीट्यूट ऑफ वायरल डिजीज जू वेनबो ने चीन में डेल्टा वैरिएंट की मौजूदगी से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि चीन में अभी डेल्टा वैरिएंट नहीं पाया गया है। साथ ही दावा किया है कि डेल्टा वैरिएंट व ओमिक्रॉन वैरिएंट का रीकॉम्बिनेशन चीन में अभी तक नहीं हुआ है।
कोविड लहर में हुए थे हालात बेकाबू
साल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मरीजों के लंग्स पर कोरोनावायरस का प्रभाव काफी पड़ा था। जिसकी वजह से मरीजों को सांस लेने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। बहुत से मरीजों की इसी वजह से मौत भी हो गई थी। हालात ये थे कि लोगों को ऑक्सीजन तक मुहैया नहीं हो पा रही थी। अस्पताल में लंबी कतार लग गई थी। यही वजह है कि जिन लोगों ने कोरोना का वो दौर देखा है, अब उसके बारे में सुनते ही सिसक उठते हैं व रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस बार अगर कोरोना वायरस डेल्टा का स्वरूप लेता है तो पूरी दुनिया के सामने बड़ा संकट आ सकता है और लोग ऑक्सीजन के लिए तरस सकते हैं।