अफगानिस्तान के नागरिकों को तालिबान से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए: इमरान खान

बयान अफगानिस्तान के नागरिकों को तालिबान से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए: इमरान खान

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-19 11:00 GMT
अफगानिस्तान के नागरिकों को तालिबान से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए: इमरान खान
हाईलाइट
  • पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि तालिबान पूर्व शर्तों के अनुपालन के लिए राजी है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिका से आग्रह किया है कि अफगानिस्तान के 4 करोड़ लोगों को तालिबान से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए और उन्हें मानवीय सहायता प्रदान करने की दिशा में तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। सामना टीवी ने यह जानकारी दी है।

श्री खान ने अफगानिस्तान में मानवीय संकट पर इस्लामिक सहयोग संगठन परिषद(ओआईसी)के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले ओआईसी का विशेष सत्र अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा करने के लिए 41 वर्ष पहले बुलाया गया था और अगर विश्व ने अभी भी उसकी हालत पर ध्यान नहीं दिया तो यह यह मानव जनित सबसे बड़ा संकट होगा।

श्री खान ने कहा अगर विदेशी मदद नहीं मिलती है और देश के विदेशी मुद्रा भंड़ार समाप्त हो जाते है ,बैंकिंग प्रणाली पूरी तरह ध्वस्त हो जाती है तो अफगानिस्तान की बात छोड़िए ,कोई भी देश पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा।

उन्होंने कहा अफगानिस्तान को विदेशी मदद दिए जाने से पहले अमेरिका ने मानवाधिकारों, महिला अधिकारों और समावेशी सरकार जैसी शर्तें तय की हैं।

हर समाज का मानवाधिकारों और महिला अधिकारों के प्रति अलग विचार होता है लेकिन जब हम मानवाधिकारों तथा महिला अधिकारों के बारे में बात कर रहे हैं तो हमें देश विशेष की संस्कृतियों के बारे में भी संवेदनशील होना होगा।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि तालिबान इन पूर्व शर्तों के अनुपालन के लिए राजी है लेकिन अगर अफगानिस्तान को तत्काल मदद नहीं दी जाती है तो वह अराजकता की और बढ़ेगा।

उन्होंने कहा अगर कोई देश अपने कर्मचारियों , डॉक्टरों, नर्सों और अधिकारियों को वेतन नहीं देगा तो वह पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगा।

श्री खान ने कहा कि अगर अफगानिस्तान की सरकार के पास आतंकवाद से लड़ने की क्षमता नहीें है तो इस्लामिक स्टेट एक बड़े खतरे के तौर पर सामने आएगा। उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद का प्रसार करने में सक्षम है और केवल अफगानिस्तान की स्थिर सरकार ही इससे निपट सकती है।

 

(आईएएनएस)

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