आर्थिक तबाही के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं इमरान
विपक्ष आर्थिक तबाही के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं इमरान
- शासन और आर्थिक संकट की समस्या को धर्म से ढकने की कोशिश कर रहे हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रियासत-ए-मदीना की भावना के बारे में एक लेख लिखा है, जिसकी विपक्ष ने आलोचना की है और इसे नेताओं ने प्रधानमंत्री की थीसिस को धर्म के साथ आर्थिक और शासन संबंधी चिंताओं को दूर करने का प्रयास करार दिया है। ये जानकारी फ्राइडे टाइम्स ने दी।
नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता, शाहबाज शरीफ ने कहा कि वह वास्तव में चिंतित हैं जिस तरह से प्रधानमंत्री देश में बड़े पैमाने पर शासन और आर्थिक संकट की समस्या को धर्म से ढकने की कोशिश कर रहे हैं।
पीटीआई के संस्थापक लेकिन विलक्षण सदस्य अकबर एस बाबर ने आरोप लगाया कि रियासत-ए-मदीना की भावना कानून के शासन का सम्मान करने पर टिकी हुई है, लेकिन इसे भी मौजूदा प्रशासन ने तोड़ा है।उन्होंने कहा, सच है, लेकिन वह आत्मा मर गई और 10 अक्टूबर, 2019 को दफन हो गई, जब (पाकिस्तान के चुनाव आयोग) ने एक लिखित आदेश में विदेशी फंडिंग मामले में पीटीआई की देरी की रणनीति को कानून का ऐतिहासिक दुरुपयोग करार दिया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वरिष्ठ नेता अहसान इकबाल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री की कैबिनेट कुटिल और भ्रष्ट नेताओं, गुटों और माफियाओं से भरी हुई है।
उन्होंने पूछा, चीनी माफिया, (आटा) माफिया, फार्मास्युटिकल माफिया, फर्नेस ऑयल माफिया, (डॉलर माफिया), तस्कर माफिया (और) जमाखोरी माफिया को आपकी (सरकार) मिस्टर नियाजी द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है। आप किसे बेवकूफ बना रहे हैं।
(आईएएनएस)