- भारत ने कहा
- नागरिकों पर जुल्म करने वाला देश मानवाधिकार की नसीहत ना दे
- भारत ने दो टूक कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है
- मालदीव की संसद में कश्मीर मामले पर भारत-पाकिस्तान के बीच जोरदार बहस हुई
डिजिटल डेस्क, माले। मालदीव की संसद में रविवार को कश्मीर मामले को लेकर भारतीय और पाकिस्तानी प्रतिनिधियों के बीच जोरदार बहस हुई। ‘सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति’ विषय पर चल रही चर्चा के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने इस मामले को उठाया था, लेकिन भारत के प्रतिनिधी ने कश्मीर पर बोलने वाले पाकिस्तान के प्रतिनिधि को रोका और दो टूक कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है।
मालदीव में आयोजित चौथी एशियन स्पीकर्स समिट के दौरान पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी, भारत में राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश नारायण सिंह और पाकिस्तान के सीनेटर कुरात अल ऐन के बीच ये बहस हुई। तीनों के अलावा, भारत की ओर से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि एक देश जिसने 1971 में बांग्लादेश में नरसंहार किया और अवैध रूप से आज़ाद कश्मीर पर कब्जा कर लिया, उसे इन मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, "हम इस मंच पर भारत के आंतरिक मामलों को उठाने पर कड़ी आपत्ति जताते हैं। हम इस मुद्दे के राजनीतिकरण को भी अस्वीकार करते हैं, जो इस शिखर सम्मेलन के विषय के प्रति असंगत हैं।"
#WATCH Harivansh, Dy Chairman of Rajya Sabha, in Maldives Parliament after Dy Speaker of Pakistan National Assembly raised Kashmir issue: We strongly object raising of internal matter of India in the forum.There"s need for Pak to end cross-border terrorism for regional peace... pic.twitter.com/vN2MwWhAEM
— ANI (@ANI) September 1, 2019
सिंह ने कहा कि आजाद जम्मू और कश्मीर (AJK) न तो एक देश है और न ही एक प्रांत है, फिर भी इसे एक प्रधान मंत्री, राष्ट्रपति और एक विधायिका के माध्यम से शासित किया जा रहा है। हरिवंश ने पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए कहा कि अपने नागरिकों पर जुल्म करने वाला देश मानवाधिकार की नसीहत ना दे।
Heated exchange of words between the respective speakers of parliament from #India and #Pakistan over the #Kashmir issue | Part 2 | @Raajje_tv pic.twitter.com/o9OV0VAElI
— raajje.mv (@raajjemv) September 1, 2019
इस घटनाक्रम के बाद मालदीव संसद के स्पीकर ने भारत को भरोसा दिया कि कश्मीर पर दिए गए सभी बयानों को रिकॉर्ड से हटा दिया जाएगा। इस सम्मेलन में भारत के अलावा अफगानिस्तान, बांग्लदेश, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका की संसदों के अध्यक्ष/पीठासीन अधिकारी पहुंचे हैं।