ड्रैगन का शांति प्रस्ताव: नाटो के एशिया में विस्तार को लेकर भड़के चीन और रूस, शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को लताड़ा
रूस-यूक्रेन तनाव ड्रैगन का शांति प्रस्ताव: नाटो के एशिया में विस्तार को लेकर भड़के चीन और रूस, शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को लताड़ा
- एकसाथ आने पर सहमति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीनी राष्ट्रपति तीन दिवसीय रूसी दौरे पर हैं, दौरे के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने 12 सूत्रीय मांगों का एक शांति प्रस्ताव रखा। हालांकि जिनपिंग के दौरे और प्रस्ताव को रूस -यूक्रेन जंग को खत्म करने के उद्देश्य से कम, दुनिया को दिखावे के तौर पर देखा जा रहा हैं। दोनों मित्र देशों के प्रमुखों की मुलाकात, मीटिंग और चर्चा को नए युग की शुरूआत माना जा रहा हैं। जिनपिंग और पुतिन ने पश्चिमी देशों द्वारा उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के एशिया में किये जा रहे विस्तार पर भी चर्चा की। दोनों देशों का मानना है कि इस भूभाग में अमेरिका अपना प्रभाव बढ़ाने की जुगत में हैं, इसे लेकर दोनों नेताओं ने गहरी चिंता व्यक्त की। रूस और चीन ने ने नाटो के एशिया में विस्तार के खिलाफ एकसाथ आने पर सहमति दर्ज की।
खबरों के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस-यूक्रेन तनाव को खत्म कराने के लिए एक शांति प्रस्ताव रखा, जिसे रूसी राष्ट्रपति ने मानने से इनकार कर दिया। हालांकि चीन के शांति प्रस्ताव को एक दिखावे के तौर पर देखा जा रहा है। चीन रूस के साथ हर परिस्थिति में साथ खड़ा है। और ये दौरा और प्रस्ताव दुनिया को सिर्फ दिखाने के लिए ही है। हालांकि चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं, पुतिन ने शांति प्रस्ताव की तारीफ भी की। पुतिन ने कहा, 'चीन द्वारा पेश की गई शांति प्रस्तावों के कई प्रावधानों को शांतिपूर्ण समाधान के आधार के रूप में लिया जा सकता है। लेकिन ये तभी हो सकता है जब यूक्रेन और उसका साथ देने वाले बाकी पश्चिमी देश इसके लिए तैयार होंगे।
दूसरी तरफ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बातचीत करने के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने भी आमंत्रित किया है। जेलेंस्की ने एक बयान जारी कर कहा कि, 'हमने चीन को शांति सूत्र के कार्यान्वयन में भागीदार बनने की पेशकश की। यूक्रेन जिनपिंग के जवाब के इंतजार में बैठा है।
चीनी की बढ़ती भागीदारी को लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि वह चीन को एक निष्पक्ष मध्यस्थ के रूप में सक्षम नहीं देखता है। वाशिंगटन ने बीजिंग के उद्देशय की आलोचना की हैं। अमेरिका चीन को सही बिचौलिया नहीं मानता। अमेरिका के इस रवैये को लेकर चीन और रूस के दोनों प्रमुख नेताओं ने पश्चिमी देशों को निशाना बनाकर यूएस पर जमकर भड़ास निकाली। पुतिन और जिनपिंग ने अमेरिका पर वैश्विक सुरक्षा को कमजोर करने का आरोप लगाया।