मालदीव में भारत ने सैन्य हस्तक्षेप किया तो ठीक नहीं होगा : चीन

मालदीव में भारत ने सैन्य हस्तक्षेप किया तो ठीक नहीं होगा : चीन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-13 18:17 GMT
मालदीव में भारत ने सैन्य हस्तक्षेप किया तो ठीक नहीं होगा : चीन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मालदीव में गहराते राजनीतिक संकट को सुलझाने के लिए भारत द्वारा सैन्य हस्तक्षेप की संभावना को देखते हुए चीन ने एक बार फिर आंखें दिखाई हैं। चीन ने कहा है कि मालदीव संकट वहां का राजनीतिक मसला है, भारत को इसमें सैन्य हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं ढुंढनी चाहिए और अगर भारत वहां सैन्य हस्तक्षेप करता है तो उसे रोकने के लिए चीन को जरूरी कदम उठाने चाहिए। गौरतलब है कि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद अपने देश में पैदा हुए इस संकट को सुलझाने के लिए लगातार भारत से मदद की गुहार कर रहे हैं। नशीद ने हाल ही में कहा था कि भारत को 1988 की तरह ही मालदीव में सैन्य हस्तक्षेप कर इस संकट से यहां के लोगों को उबारना चाहिए।

हालांकि भारत ने अब तक मालदीव संकट पर महज चिंता ही जाहिर की है, लेकिन चीन को यह डर है कि भारत क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज करने के लिए मालदीव में सैन्य हस्तक्षेप कर सकता है। इसे देखते हुए चीन पिछले कुछ दिनों से लगातार भारत को इस मामले में हस्तक्षेप न करने की हिदायत दे रहा है।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में मंगलवार को लिए गए संपादकीय में इस मामले में भारत को फिर चेतावनी देते हुए लिखा गया है, "यह मालदीव का आंतरिक मामला है। यह मालदीव पर ही छोड़ देना चाहिए कि वे इसे कैसे हल करते हैं। बाहरी सैन्य हस्तक्षेप इस मामले को सुलझाने का कोई विकल्प नहीं है। भारत को संयम बरतना चाहिए। अगर भारत यहां सैन्य हस्तक्षेप करता है तो स्थिति बिगड़ सकती है। चीन इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठा सकता है।"

संपादकीय में लिखा गया है, "भारतीय मीडिया में भारत के मालदीव में सैन्य हस्तक्षेप की चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मानकों के हिसाब से सही नहीं है। अगर मालदीव में हालात और बिगड़ते हैं तो इसका हल अंतरराष्ट्रीय पद्धति से ही निकाला जाना चाहिए, सैन्य हस्तक्षेप से नहीं।" अखबार ने यह भी लिखा ह, "भारत को लगता है कि सुरक्षा के लिए मालदीव भारत पर निर्भर है। इस बात ने भारत को घमंडी बना दिया है, लेकिन वास्तविकता यह है कि मालदीव भारत से परेशान हो चुका है और उसका झुकाव अब चीन, अमेरिका, सऊदी अरब और पाकिस्तान की तरफ है। भारत को मालदीव के इस रूख से गुस्सा भी है और इसीलिए वह वहां सैन्य हस्तक्षेप की गुंजाइश खोज रहा है।

बता दें कि सोमवार (5 फरवरी) को मालदीव में आपातकाल की घोषणा कर दी गई थी। यहां सुप्रीम कोर्ट के दो शीर्ष जजों को गिरफ्तार करने के साथ ही इमर्जेंसी लगा दी गई थी। इन जजों ने विपक्ष के 9 राजनैतिक कैदियों को रिहा करने का फैसला सुनाया था। आपातकाल की घोषणा के बाद सरकार ने मालदीव की सुप्रीम कोर्ट पर दबाव बनाकर नौ राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के आदेश को भी वापस करवा दिया था।

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