श्रीलंका से 10 और शरणार्थी तमिलनाडु के धनुषकोडी पहुंचे
बढ़ती बेरोजगारी श्रीलंका से 10 और शरणार्थी तमिलनाडु के धनुषकोडी पहुंचे
- बच्चों और आश्रितों का पेट भरना मुश्किल
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। श्रीलंका में बढ़ती बेरोजगारी के कारण वहां से लोगों के पलायन के एक अन्य मामले में श्रीलंका के 10 और तमिल शरणार्थी शनिवार तड़के तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के धनुषकोडी पहुंचे। मंडपम पुलिस स्टेशन में पूछताछ के बाद उन्हें रामनाथपुरम के शरणार्थी शिविर में ठहराया गया।
शरणार्थियों में मन्नार जिले के एम. जयकुमार (45), उनकी पत्नी योगेश्वरी (39), उनकी बेटियां तमिलमती (22) और कनिमती (15) आर. पुष्पम (64) और उसका बेटा प्रभाकर (43), मुलई थीवु से आर. जस्टिन (42), उनकी पत्नी औसियु (36) और उनके बच्चे अंशिका (3) और अंजीता (तीन महीने) शामिल हैं। धनुषकोडी में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए जस्टिन ने कहा, श्रीलंका में महंगाई के कारण आर्थिक संकट के बाद नौकरियां भी दुर्लभ हो गईं। वहां बच्चों और आश्रितों का पेट भरना मुश्किल हो गया।
जस्टिन ने कहा कि उन्होंने और उनके परिवार के सदस्यों, जिनमें दो बच्चे और उनकी पत्नी औसिया शामिल हैं, ने धनुषकोडी पहुंचने के लिए अपने यात्रा खर्च खातिर पैसे जुटाने के लिए एक साहूकार को चांदी के बर्तन और एक सोने की चेन बेचने का फैसला किया। एक अन्य शरणार्थी पुष्पम ने कहा कि उसके पास नाविक को पैसे देने और धनुषकोडी पहुंचने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि 300 श्रीलंकाई रुपये प्रति किलो चीनी बिक रही है, जबकि चावल की कीमत 250 एसएलआर प्रति किलो है।
पुष्पम ने कहा, संकट के बाद नौकरी नहीं मिलती और नौकरी मिल भी जाती है तो 100 ग्राम चीनी भी नहीं खरीद पाते। मेरा एक 43 साल का बेटा है जो मानसिक रूप से अस्थिर है और वहां जीवन दयनीय था। मैंने अपना सारा सामान बेचकर नाविक को देने के लिए 50,000 एसएलआर जुटाया और धनुषकोडी पहुंच गया। शरणार्थी अब धनुषकोडी के मंडपम पुनर्वास शिविर में बसे हुए हैं। शिविर में पहुंचने वाले श्रीलंकाई शरणार्थियों की कुल संख्या अब 199 हो गई है।
आईएएनएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.