बांग्लादेश में नया विवाद: जमात ने की राष्ट्रगान में बदलाव की मांग, यूनुस सरकार ने दिया जवाब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अब राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के पूर्व अमीर गुलाम आजम के बेटे अब्दुल्लाहिल अमान आजमी बांग्लादेश के राष्ट्रगान और कॉन्स्टिट्यूशन (संविधान) से खुश नहीं हैं। अमान आजमी ने इन्हें बदलने की मांग की थी। इसी मांग के चलते बांग्लादेश के धार्मिक मामलों के सलाहकार AFM खालिद हुसैन ने शनिवार को जवाब पेश किया। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार की बांग्लादेश के राष्ट्रगान को बदलने की कोई भी प्लानिंग नहीं है।
राष्ट्रगान को बलदने की योजना नहीं
आपको बता दें कि, बांग्लादेश के धार्मिक मामलों के सलाहकार AFM खालिद हुसैन ने शनिवार को बयान देकर यह साफ कर दिया की राष्ट्रगान में किसी भी तरह का बदलाव करने की प्लानिंग अंतरिम सरकार की नहीं है। हुसैन का कहना है कि वह भारत ने दोस्ती से भरा रिश्ता कायम करना चाहते हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि अंतरिम सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जिससे विवाद की स्थिति पैदा हो जाए।
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क्या कहना था अमान आजमी ने?
हाल ही में जमात-ए-इस्लामी के पूर्व अमीर गुलाम आजम के बेटे अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने कहा था- मैं राष्ट्रगान का मामला इस सरकार पर छोड़ता हूं। हमारा वर्तमान राष्ट्रगान हमारे स्वतंत्र बांग्लादेश के अस्तित्व के विपरीत है। यह बंगाल विभाजन और दो बंगालों के मिलन के समय को दिखाता है। दो बंगालों को एकजुट करने के लिए बनाया गया राष्ट्रगान एक स्वतंत्र बांग्लादेश का राष्ट्रगान कैसे बन सकता है? यह राष्ट्रगान 1971 में भारत ने हम पर थोपा गया था। कई गीत राष्ट्रगान के रूप में काम कर सकते हैं। सरकार को एक नया राष्ट्रगान चुनने के लिए एक नया आयोग बनाना चाहिए।