इजरायल-हिजबुल्लाह जंग: 20 साल पुराने ड्रोन से हिजबुल्लाह ने इजरायल पर किए ताबड़तोड़ हमले, देसी तरीके से बना है ड्रोन Mirsad-1
- बिनयामिना स्थित मिलिट्री बेस पर Mirsad-1 से हमला
- 67 लोगों को किया ड्रोन ने घायल
- 40 kg वजन के हथियार के साथ कर सकता है120 km की दूरी तय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल-हिजबुल्लाह जंग थमने का नाम ही नहीं ले रही है। दोनों आए दिन एक दूसरे के ऊपर हवाई हमले करते रहते हैं जिसके चलते अब तक हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। कभी इजरायल द्वारा हिजबुल्लाह के आतंकियों को निशाना बनाया जा रहा है तो वहीं हिजबुल्लाह इजरायल के सैन्य अड्डों पर अटैक कर रहा है। हिजबुल्लाह ने इजरायल के मिलिट्री बेस को निशाना बनाया था जो बिनयामिना में मौजूद है। यह हमला ड्रोन की मदद से किया गया जिसने इजरायल के सुरक्षा कवच को भी चीर कर रख दिया। इस अटैक में करीब 67 लोगों के घायल होने की खबर है।
देसी ड्रोन का निर्माण
आपको बता दें कि, हिजबुल्लाह ने इजरायल के सैन्य अड्डे पर हमला करने वाले ड्रोन को ‘Mirsad-1’ नाम दिया है। इस ड्रोन को ईरान के अबाबील ड्रोन का एक वैरिएंट बताया जा रहा है। ‘Mirsad-1’ सुसाइडल ड्रोन है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस ड्रोन ने इजरायल की हवाई सुरक्षा को हिला कर रख दिया उसका निर्माण बिलकुल देसी तरह से किया गया है। हिजबुल्लाह इसका इस्तेमाल बीस सालों से कर रहा है।
120 किलोमीटर की रेंज कर सकता है तय
‘Mirsad-1’ को कुछ लोग ईरान के अबाबील ड्रोन तो कुछ लोग मुहाजिर-2 ड्रोन का वैरिएंट बता रहे हैं। हालांकि, यह भी संभव है कि आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह ने दोनों ड्रोन्स की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके ‘Mirsad-1’ का निर्माण किया हो। जानकारी के मुताबिक, मिरसद-1 ड्रोन एक बार में लगभग 40 किलोग्राम वजन के हथियार अपने साथ लेकर 120 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है।
370 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार
मालूम हो कि, हिजबुल्लाह अभी जिस ड्रोन से इजरायल के सैन्य अड्डों पर हमला कर रहा है पहले वह उन ड्रोन्स का इस्तेमाल केवल जासूसी और निगरानी के लिए ही करता था। ‘Mirsad-1’ एक घंटे में 370 किलोमीटर की दूरी तय करने की क्षमता रखता है।