किम जोंग की तानाशाही: किम जोंग उन के शासन पर लगे गंभीर आरोप, के- ड्रामा देखने वाले 30 छात्रों को उतारा मौक के घाट, फिलहाल घटना की पुष्टि नहीं
- दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच कैसे हैं संबंध?
- 30 बच्चों को उतारा मौत के घाट
- पुष्टी करना हो रहा है मुश्किल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच में कोई भी दोस्ताना संबंध नजर नहीं आते हैं। उत्तर कोरिया की सरकार ने दक्षिण कोरिया के ड्रामे देखने पर 30 छात्रों को मौत के घाट उतार दिया है। आपको बता दें कि उत्तर कोरिया की सरकार ने दक्षिण कोरिया के ड्रामे और फिल्मों को देखना बैन किया हुआ है। दक्षिण कोरिया की समाचार आउटलेट चोसुन टीवी और कोरिया जोंगआंग डेली की रिपोर्ट से बताया गया है कि पिछले हफ्ते करीब 30 छात्रों को दक्षिण कोरिया का ड्रामा देखने का इल्जाम लगाते हुए उन्हें गोली मार दी गयी। रिपोर्ट के अनुसार पता चला है कि कोई भी छात्र 19 साल से ज्यादा के नहीं थे। भास्कर हिंदी इसी खबर की पुष्टि नहीं करता है।
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया में कई सालों से एक दूसरे से बनती नहीं आ रही है। वहीं इस साल के शुरु में उत्तर कोरिया के किम जोंग उन ने खुलेआम दक्षिण कोरिया को अपने देश का सबसे बड़ा दुश्मन बताया था। आपको बता दें कि ये दुश्मनी सिर्फ सरकार और सेना तक सीमित नहीं है बल्कि मनोरंजन सामग्री देखना भी गैरकानूनी है। इसमें टीवी शो भी शामिल हैं। के-ड्रामा उत्तर कोरिया में नहीं दिखाए जा सकते हैं। ऐसा करना उत्तर कोरिया में कानूनों के खिलाफ है। लेकिन उत्तर कोरिया में के-ड्रामा काफी पसंद किये जाते हैं। हालांकि के-ड्रामा उत्तर कोरिया में बैन हैं लेकिन अवैध रूप से पेन ड्राइव के जरिए उत्तर कोरिया में चोरी छुपे देखे जाते हैं। ऐसे ही मामले में मिडिल स्कूल के छात्रों को मार दिया गया है।
कठोर दंड से बचने का नहीं है कोई रास्ता
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार 30 बच्चों को सजा दिए जाने की अभी तक कोई पुष्टी नहीं की जा सकी है। दक्षिण कोरिया के अधिकारों ने भी अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। कोरिया जंगओंग डेली ने दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से कहा कि यह कोई रहस्य नहीं है कि उत्तर कोरिया के अधिकारी निवासियों पर सख्ती से नियंत्रण रखते हैं और ऐसे मामलों में कठोर दंड मिलता है। साथ ही उत्तर कोरिया का कानून दक्षिण कोरिया के साथ-साथ अमेरिका और जापान के भी मनोरंजन पर बैन लगाता है। जिसे देखने और प्रसार पर कड़ी सजा का प्रावधान करता है।
पुष्टी करना हो रहा है मुश्किल
उत्तर कोरिया में 30 कोरिया के बच्चों को फांसी की सजा की रिपोर्ट की पुष्टी नहीं करी जा सकी है। लेकिन आपको बता दें कि वहां ये एक आम बात है। इसमें कोई भी चौंकने वाली बात नहीं है। किम जोंग उन के देश से दक्षिण कोरिया की चीजें देखने पर पहले भी कई बार सजा देने की रिपोर्ट सामने आई हैं। बीते कुछ साल पहले एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें एक आदमी को दक्षिण कोरिया का सामान बेचने की वजह से उसपर सार्वजनिक फायरिंग के दस्ते ने मौत के घाट पहुंचा दिया था।