Israel–Hamas War: शरणार्थी कैंप में जन्मा....19 साल की उम्र में गया जेल... जानिए कौन था हमास चीफ 'याह्या सिनवार'?

  • हमास चीफ 'याह्या सिनवार की हुई मौत
  • इजरायल सेना ने हवाई हमले में मार गिराया
  • फिलिस्तीन के शरणार्थी कैंप में हुआ था सिनवार का जन्म

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-17 19:50 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायली सेना ने हमास के मुखिया याह्या सिनवार को मार गिराया। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसकी पुष्टि की है। इजरायल की ओर से बताया गया कि गुरुवार (17 अक्टूबर) को गाजा में रूटीन ऑपरेशन के दौरान हमास के तीन लड़ाकों को मार गिराया है, जिसमें हमास चीफ याह्या सिनवार भी शामिल था।

सिनवार, इजरायल-हमास युद्ध की शुरुआत से ही इजरायल की मोस्ट वांटेड सूची में सबसे ऊपर था। दरअसल, बीते साल 7 अक्टूबर को सिनवार के आदेश पर हमास के लड़ाके इजरायल के अंदर घुसे थे और कत्लेआम मचाया था। वो एक कंसर्ट में घुस गए थे और कई लड़कियों का रेप कर दिया था। यहां तक कि उन्होंने मासूम बच्चों को भी मार डाला था। वह इजरायल की कई महिलाओं को अपने साथ ले गए थे। यहां तक कि उन्होंने बुजुर्गों के साथ भी बर्बरता की थी। सिनवार की मौत के बाद हमास को तगड़ा झटका लगा है।

कौन था याह्या सिनवार?

सिनवार का पूरा नाम याह्या इब्राहिम हसन सिनवार था। गाजा पट्टी के दक्षिणी इलाके में स्थित खान यूनिस के शरणार्थी कैंप में साल 1962 में जन्मे सिनवार के मां-बाप अश्केलॉन के थे। 1948 में इजरायल के बनने के बाद हजारों फिलिस्तीनियों को उनके पुश्तैनी घर छोड़कर जाना पड़ा, इनमें सिनवार के माता-पिता भी शामिल थे। इसके बाद वो गाजा में शरणार्थी बन गए थे।

दो इजरायली सैनिकों की हत्या, चार फिलिस्तीनियों के अपहरण के बाद उनकी हत्या के आरोप में वह जेल गया था। उस समय उसकी उम्र केवल 19 साल थी। बाद में उस पर मुकादमा चला और दोषी साबित होने के बाद उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

साल 2011 में इजराइली सैनिक गिलाद शालिट के बदले में 1000 से ज्यादा इजरायली और फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली की गई। जिसमें सिनवार को भी रिहा कर दिया गया था। इस तरह वो लगभग 22 साल तक जेल में रहा।

जेल से रिहा होने के बाद सिनवार एक कुख्यात अपराधी बन गया। उसे निर्मम हत्याएं करने के लिए जाना जाता था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिनवार ने इजराइल के लिए जासूसी करने के शक में एक व्यक्ति को उसके भाई के हाथों ही जिंदा दफन करवा दिया था। ऐसी ही क्रूरता के लिए ही उसे खान यूनिस का कसाई की उपमा दी गई। कहा जाता है कि जो कोई भी सिनवार की बात टालता था उसे अपनी जिंदगी हाथ धो बैठता था।

Tags:    

Similar News