रूस यूक्रेन युद्ध का असर: क्या रक्षा क्षेत्र में भारत से दूरी बना रहा है रूस? पुतिन सरकार के मंत्री ने दी सफाई
- मोदी और पुतिन की दोस्ती में दरार!
- क्या रक्षा क्षेत्र में भारत से दूरी बना रहा है रूस?
- समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने किया बड़ा दावा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और रूस की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है। दोनों देशों के राजनीतिक संबंध भी पहले से बेहतर हुए हैं। साथ ही, दोनों देश के राष्ट्र अध्यक्ष भी एक दूसरे की तारीफ करने से कभी थकते नहीं हैं। रक्षा के क्षेत्र में रूस और भारत हमेशा से एक दूसरे साथ नजर आते हैं। इस क्षेत्र में रूस भारत का सबसे बड़ा पार्टनर भी है। लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि भारत अपने खास दोस्त से दूरी बना रहा है। रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि रूस भारत से पहले जैसा दोस्ती रखने से पीछे हट रहा है। रूस ऐसा यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के चलते कर रहा है। ऐसे में रूस भारत की जरूरतों के मुताबिक हथियारों का सप्लाई नहीं कर रहा है।
न्यूज एजेंसी ने किया बड़ा दावा
यह दावा समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने किया है। जिसमें कहा जा रहा है कि यूक्रेन के साथ युद्ध के चलते रूस की युद्ध सामग्री और अन्य पुर्जों की सप्लाई क्षमता बाधित हुई है। ऐसे में रूस अपने सबसे बड़े हथियार खरीदार से दूरी बनाना चाहता है। रिपोर्ट में भारतीय सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि रूस को चीन के करीब धकेलने से भारत को बचना चाहिए। अब इस पूरे मामले में रूस की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है।
रूस ने दी सफाई
पुतिन सरकार ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स के दावे को सिरे से खारिज किया है। रूस के उप विदेश मंत्री एंड्री रुडेंको ने TASS समाचार एजेंसी से कहा, "हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है। यह सब बातें रॉयटर्स वाले जानें। हमारे भारतीय साझेदार पहले की तरह अब भी रक्षा क्षेत्र सहित हर जगह सहयोग में रुचि रखते हैं।"
जानें क्या है हकीकत
पिछले साल एक रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक रिपोर्ट जारी किया था। जिसमें बताया गया था कि रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है। यह रिपोर्ट स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) ने जारी की थी। रिपोर्ट में लिखा था कि 2017 और 2022 के बीच भारत का रक्षा आयात रूस से 65 फीसदी से घटकर 45 फीसदी हो गया था। इसके पीछे की बड़ी वजह भारत की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' योजना है। हालांकि, पिछले दो दशकों में भारत का रूस से 60 अरब डॉलर से अधिक का लेन देन रहा है। जिसमें रूस ने 60 फीसदी माल भारत को सप्लाई किया है।
भारत रूस से टैंक, विमान वाहक और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम को खरीदता है। इसके अलावा दोनों देश इस वक्त ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल प्रोजेक्ट पर एक साथ काम कर रहे हैं। फ्रांस 29 फीसदी हिस्सेदारी के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है। इसके अलावा भारत अमेरिका से भी हथियार आयात करता है। अमेरिका का भारत के साथ 11 फीसदी हिस्सेदारी है। जो कि रक्षा के क्षेत्र में अमेरिका भारत का तीसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश हैं। बता दें कि, बीते कुछ सालों में भारत के हथियार आयात के क्षेत्र में 11 फीसदी की गिरावट देखी गई है। इसके बावजूद भी भारत का दुनिया से सबसे बड़ा आयातक देश है।