ईरान-इजराइल युद्ध: ईरान का इजराइल पर जवाबी हमला, 200 मिसाइल और ड्रोन से किया अटैक, आईडीएफ ने की पुष्टि

  • ईरान ने इजराइल के हमला का लिया बदला
  • 200 मिसाइल और ड्रोन से किया अटैक
  • इजराइल ने साझा की हमले की जानकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-14 04:11 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईद पर ईरान के 'एलान ए जंग' के बाद आखिरकार शनिवार देर रात उसने इजराइल पर अपने हमले को अंजाम दिया। सीरिया के दूतावास पर हुई एयरस्ट्राइक के जवाबी हमले में इजराइल पर लगभग 200 मिसाइल और ड्रोन से अटैक किया गया। इस लेकर इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) ने बताया कि उसने ईरान की ओर से किए गए आसमानी हमले को विफल करने में काफी हद तक कामयाब रही। हालांकि, इजराइल के मिलिट्री बेस हमले से प्रभावित हुआ है। आईडीएफ ने बताया कि इजराइल के एयरस्पेस में प्रवेश करने से पहले ही ईरानी मिसाइलों को तबाह कर दिया गया था। इस वजह से इजराइल पर ईरान के हमले का इतना असर नहीं पड़ पाया है। मगर, कुछ ड्रोन और मिसाइल ने दक्षिण इजराइल के मिलिट्री बेस में अपनी पैठ बना ली थी। इस वजह से बेस को थोड़ा बहुत नुकसान पहुंचा है। आईडीएफ ने यह भी बताया कि हमले से इंफ्रास्ट्रक्चर भी क्षतिग्रस्त हुआ है। लेकिन, यह नुकसान किस हद तक हुआ इसके बारे में पुष्टि नहीं की गई है।

आईडीएफ ने हमले की दी सूचना

इजराइल का कहना है कि उसने ईरान की सैकड़ो क्रूज मिसाइल और ड्रोन को आसमान में आईडीएफ के लड़ाकू विमान ने नष्ट कर दिया था। इजराइली सेना ने कहा, "इजराइल को ईरानी हमले से बचाने के लिए वायुसेना के विमानों की तैनाती कर दी गई है। यहूदी देश में ईरानी हमले के बाद इजराइल के होम फ्रंट कमांड ने नागरिकों को बम शेल्टर्स के नजदीक ना रहने की बात कही है। लेकिन, इजराइल में सभाओं और शैक्षणिक गतिविधियां अगले आदेश तक प्रतिबंधित रहेगी। ईरान के इस अटैक के बाद से इजराइल काफी अलर्ट हो गया है। इसके लिए उसने एरियल डिफेंस ऐरे को वायुसेना के फाइटर जेट और नौसेना के जहाजों के साथ तैनात कर दिया है। इजराइली सेना ईरान की हर हरकत पर नजर जमाए हुई है।

क्या है ईरानी हमले का कारण

हाल ही में इजराइली सेना ने ईरान के सीरिया स्थित दूतावास पर एयरस्ट्राइक की थी। जिसमें ईरान के टॉप जनरल समेत 12 लोगों की मौत गई थी। इस हमले के बाद ईरान ने इजराइल पर लोकल फ्रॉक्सी का इस्तेमाल करने की प्लॉनिंग शुरू कर दी थी। सूत्रों के मुताबिक, ईरान की ओर से यह बात भी रखी गई थी कि अगर इजराइल उसकी मांगों को पूर कर देता हैं। तो वह अपने हमले को अंजाम नहीं देगा। ईरान की राजधानी तेहरान ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यदि इन मांगों को पूरा किया जाता है, तो हमले की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। इसके अलावा ईरान ने यह भी कहा कि जब तक गाजा पट्टी में युद्धविराम और उसकी मांगें पूरी नहीं होती है। तब तक वह युद्ध का मैदान नहीं छोड़ेगा। ईरान ने परमाणु कार्यक्रम को लेकर नए सिरे से बातचीत पर भी जोर दिया है। इतना ही नहीं, बल्कि ईरान ने अमेरिका से आश्वासन भी मांगा था कि वह नियंत्रित हमले की स्थिति में हस्तक्षेप नहीं करेगा। लेकिन अमेरिका ने इस बात से सहमत नहीं हुआ था।

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