बांग्लादेश: उपद्रवियों पर सख्त हुई अंतरिम सरकार, दुर्गा पूजा के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वालों के खिलाफ लेगी कड़ा एक्शन

  • दुर्गा पूजा पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वालों को सरकार की चेतावनी
  • सरकार ने हिंदू समुदाय को किया आश्वस्त
  • दोषियों के खिलाफ कानून के तहत की जाएगी कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-08 17:18 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बंग्लादेश सरकार ने रविवार को दुर्गा पूजा उत्सव से पहले संभावित उपद्रवियों को कड़ी चेतावनी जारी की है। सरकार ने साफ शब्दों में कहा है कि दुर्गा पूजा के दौरान जो भी सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने या मंदिरों को नुकसान पहुंचाने वालों के विरुद्ध कड़ा एक्शन लिया जाएगा। उन्हें किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि देश में दुर्गा पूजा 9 से 13 अक्टूबर तक मनाई जाएगी, जिसे लेकर सरकार पूरी एहतियात बरत रही है।

देश की अंतरिम सरकार में धार्मिक मामले के सलाहकार डॉ. एएफएम खालिद हुसैन ने राजशाही जिले में प्रेमतली गौरांग बारी काली मंदिर के दौरे के दौरान कहा, 'अगर कोई पूजा में व्यवधान डालता है या लोगों को परेशान करता है तो हम उन्हें बख्शेंगे नहीं। हम उन्हें कानून के तहत सजा दिलाएंगे और शांति सुनिश्चित करेंगे।'

स्थानीय मीडिया की खबर के मुताबिक, खालिद हुसैन ने हिंदू समाज को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करेगी। उन्होंने कहा, 'यदि आपको अपने मंदिरों पर हमलों का डर है, तो आश्वस्त रहें कि कोई भी अपराधी यह करने में सफल नहीं  होगा। हमने मंदिरों की सुरक्षा के लिए मदरसा छात्रों सहित स्थानीय लोगों को लगाया है। कोई भी हमें हमारे धार्मिक त्योहार मनाने से नहीं रोकेगा।'

हुसैन ने कहा कि देश की अंतरिम सरकार एक भेदभाव मुक्त और सांप्रदायिकता मुक्त बांग्लादेश बनाना चाहती है। उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य एक सुरक्षित और समृद्ध समाज बनाना है।" हुसैन ने कहा, "हमें मिलकर सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों का विरोध करना होगा।"

बता दें कि बांग्लादेश में पूर्व की शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद वहां की हिंदू आबादी के खिलाफ बड़ी संख्या में हिंसक घटनाएं हुई थीं। कई मंदिरों को निशाना बनाकर वहां तोड़फोड़ की गई थी। जिसके बाद राजधानी ढाका समेत देश के अन्य स्थानों पर हिंदू समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया था। बांग्लादेश में हिंदूओं पर हो रहे अत्याचार का भारत सरकार ने भी विरोध किया था।

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