सार्वजनिक निजी भागीदारी: श्रीलंका के कांकेसंथुरई बंदरगाह की मरम्मत का पूरा खर्च उठाएगा भारत
- परियोजना की महत्ता पर विचार
- भारत सरकार लागत वहन करने पर राजी
- परियोजना पर कुल 6.15 करोड़ डॉलर की लागत
डिजिटल डेस्क, कोलंबो। श्रीलंकाई मंत्रिमंडल ने उत्तरी प्रांत में कांकेसंथुरई बंदरगाह की मरम्मत कराने का फैसला किया है और भारत इस परियोजना का 6.15 करोड़ डॉलर का पूरा खर्च उठाने के लिए राजी हो गया है। एक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गयी। श्रीलंका के उत्तरी क्षेत्र में स्थित कांकेसंथुरई बंदरगाह या केकेएस बंदरगाह 16 एकड़ के क्षेत्र में फैला है और यह पुडुचेरी में करईकल बंदरगाह से 104 किलोमीटर दूर है।
पीटीआई भाषा से मिली जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु में नागपत्तिनम को जाफना के समीप कांकेसंथुरई बंदरगाह से जोड़ने वाली सीधी यात्री जहाज सेवा करीब साढ़े तीन घंटे में 111 किलोमीटर का सफर तय करती है। बयान में कहा गया है, इस परियोजना की महत्ता पर विचार करते हुए भारत सरकार परियोजना के लिए पूरी अनुमानित लागत वहन करने पर राजी हो गयी है।
इसमें कहा गया है कि इस परियोजना के क्रियान्वयन में देरी हुई क्योंकि परामर्शक सेवा एजेंसियों द्वारा दी गयी अनुमानित लागत कर्ज की प्रासंगिक धनराशि से कहीं अधिक थी। बयान के अनुसार, ‘‘इसके बाद सार्वजनिक निजी भागीदारी पद्धति के तहत परियोजना पूरी करने की संभावना के संबंध भारत सरकार के साथ और बातचीत की गयी। इस परियोजना के लिए मंत्रिमंडल ने सबसे पहले दो मई 2017 को स्वीकृति दी थी। इस साल मार्च में घोषणा की गयी कि इस परियोजना पर कुल 6.15 करोड़ डॉलर की लागत आएगी।