भारत-कनाडा विवाद: तल्खी के बीच कनाडाई सरकार की बड़ी चाल, भारत सरकार के खिलाफ खालिस्तानियों को बरगला रहें अलगाववाद

  • भारत और कनाडा में जारी तनाव
  • कनाडा ने खेली एक और बड़ी चाल
  • खालिस्तानियों में भड़का रही अलगावाद

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-16 14:19 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत से जारी तनाव के बीच कनाडा आग में घी डालने का काम कर रही है। खालिस्तानियों का समर्थक माने जाने वाले कनाडाई सरकार अलगावाद को बढ़ावा देने का काम कर रही है। दरअसल, हाल ही में कनाडा की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) के चीफ ने सिख समुदाय के लोगों को बेधड़क अपनी बात रखने का अनुरोध किया है।

आरसीएमपी चीफ ने की लोगों से अपील

बता दें, भारत पर लगाए गए हिंसक आरोपों की जांच कर रही कनाडाई पुलिस के मध्य आरसीएमपी के कमिश्नर माइक ड्यूहेम ने यह अपील की है। कनाडा सरकार ने भारत पर हिंसा के अभियान को उसके देश में चलाने का आरोप लगाया है। कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (सीबीसी) की खबर के अनुसार, आरसीएमपी चीफ ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया है कि कनाडा में हत्याओं और 'व्यापक' हिंसक घटनाओं में भारत सरकार के एजेंट्स का हाथ है।

आरसीएमपी चीफ कमिश्नर माइक ड्यूहेम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाते हुए कहा कि कनाड में भारत के राजनायिकों और सलाहकारों औपचारिक रूप से कनाडाई नागरिकों की हत्याएं, वसूली और उकसाने समेत अन्य घटनाओं में सीधा ताल्लुकात है। इससे पहले आरसीएमपी चीफ ने मंगलवार को रेडियो-कनाडा से बातचीत करते हुए सिख नागरिकों से अनुरोध किया था कि जो लोग इस बारे में कुछ भी जानतें हो, तो वह पुलिस से जरूर संपर्क करें।

भारत सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

माइक ड्यूहेम ने आगे कहा, "अगर लोग आगे आएंगे और बातें बताएंगे तब हम उनकी मदद कर पाएंगे। मैं कहता हूं कि अगर आप आगे आ सकते हैं तो ऐसा करिए। लोग कनाडा में सुरक्षित महसूस करने के लिए आते हैं और हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि हम उन्हें सुरक्षित माहौल मुहैया कराएं।"

इसके बाद उन्होंने यह भी आरोप लगाय कि कनाडा के दक्षिण एशियाई समुदाय खासतौर पर 'खालिस्तानी समर्थक तत्वों' पर हमला करने वाली बिश्नोई गिरोह भारत सरकार के एजेंट है। कनाडा के अधिकारियों का भारतीय एजेंट्स के तार को क्रिमनिल गैंग से जोड़ने के आरोपों को भारत ने गलत ठहराया है। दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सिख चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े मामले में भारत सरकार को जानकारी देने की बात पूर्णता गलत है। 

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