इजरायल-हमास युद्ध: नए साल में विकराल रूप लेगी गाजा की जंग, कई और देश होंगे प्रभावित! समुद्री जहाजों और अमेरिकी ठिकानों पर लगातार हो रहे हमलों से मिल रहे संकेत

  • गाजा में जारी रहेगी इजरायल-हमास जंग
  • अमेरिकी ठिकानों और समुद्री जहाजों पर हमले से मिले संकेत
  • कई अन्य हो सकते हैं प्रभावित

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-27 13:59 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध को अब तक दो महीने से ज्यादा का समय हो गया है। इस दौरान गाजा पट्टी में इजराइली सेना लगातार हमास के ठिकानों को धवस्त कर रही है। माना जा रहा है कि नए साल की शुरूआत में यह युद्ध दुनिया के अन्य देशों के लिए भी खतरा बन सकता है। क्योंकि इस युद्ध के चलते समुद्र में भारत, अमेरिका और अन्य देशों के कमर्शियल जहाजों पर कई बार हमले हो चुके हैं। इन हमलों की जिम्मेदारी ईरान के समर्थक आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने ली है। ऐसे में इस जंग का खतरा बाकी देशों पर भी मंडरा रहा है। इसके अलावा युद्ध को लेकर ईरान इजराइल को कई बार धमका भी चुका है। ईरान ने कहा है कि यदि इजराइल गाजा पर अपने हमले को नहीं रोकता है, तो यह युद्ध बहुत जल्द विकराल रूप ले लेगा।

युद्ध में अमेरिका समेत इजराइल के कई समर्थक देशों के ठिकानों पर ड्रोन हमले किए गए हैं। जिसके बाद वह अलर्ट मोड पर आ गए हैं। इस जंग में सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका है। यही वजह है कि वहां चल रही क्रिसमस की छुट्टियां के बीच भी बाइडेन प्रशासन युद्ध पर अपनी नजरें जमाए हुए है। हालांकि, अमेरिका का ऐसा करने की एक बड़ी वजह एक डर भी है। दरअसल, अमेरिका को डर है कि ईरान समर्थक हिजबुल्लाह उस पर हमला न बोल दे। बता दें कि इससे पहले इराक और बाकी अन्य देशों में स्थित अमेरिकी ठिकानों पर भी हमले हुए थे। इसके अलावा हिंद महासागर और लाल सागर के क्षेत्रों में भी अन्य देशों पर इसी तरह के हमले हो चुके हैं।

इजराइल की ओर से नहीं रूकेगी जंग

इधर, इजराइल ने हमास के साथ चल रही जंग को लंबे समय तक जारी रखने का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि नए साल में यह जंग काफी भयावह और लंबे समय तक जारी रहेगी। वहीं, सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इराक में हिजबुल्लाह के ठिकानों को तबाह करने के ऑर्डर दिए थे। क्योंकि बीते दिनों हिजबुल्ला ने अमेरिकी ठिकानों पर अटैक किए थे। इसके बाद भी हूथी विद्रोहियों ने भी लाल सागर में ड्रोन और मिसाइल से हमले किए थे।

पहले भी आगाह कर चुका अमेरिका

अमेरिका पहले भी ईरान समर्थित आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के हमलों का जिक्र कर चुका है। जिसमें वह कह चुका है कि हिजबुल्ला समुद्र से गुजरने वाले कॉमर्शियल जहाजों पर हमला कर सकता है। हालांकि ईरान इन आरोपों से हमेशा इनकार करता रहा है। हालांकि, यह सभी जानते हैं कि ईरान हमेशा से ही हिजबुल्लाह और हूथी उग्रवादियों को अपना समर्थन देते आया है। इतना ही नहीं, शनिवार को ईरान के ड्रोन अटैक में भारत आ रहा जहाज भी रुक गया था तो। दरअसल, यह जंग ईरान के कमांडर सैयद राजी मौसावी की मौत के बाद शुरू हुई, जो लंबे समय तक चल सकती है। ईरान का आरोप है कि यह युद्ध इजरायल ने शुरू किया था, लेकिन इसे खत्म करेंगे। 

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