हिंसा और आगजनी: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के मामले में पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने दिया बयान
- भारत सरकार को गम्भीरता से विचार करना चाहिए-अखिलेश
- समय रहते उचित कदम उठाएं केंद्र सरकार-सपा सांसद
- शेख हसीना ने पीएम से इस्तीफा देकर भारत की शरण ली
डिजिटल डेस्क, ढाका। बांग्लादेश के हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर प्रतिक्रिया देत हुए कहा कि बंग्लादेश में रह रहे हिंदू समाज के अलावा सभी अल्पसंख्यक चाहे वह किसी भी धर्म को मानने वाले हो, उन लोगों पर बीते कुछ दिनों से अत्याचार किया जा रहा है। यह घटना बहुत ही दु:खद और चिंताजनक है। इस मामले में भारत सरकार को गम्भीरता से विचार कर उचित कदम उठाना चाहिए। अगर केंद्र सरकार कोई कदम नहीं उठा पाई तो इससे और भी ज्यादा नुकसान देखने को मिल सकता है।
अखिलेश यादव ने तोड़ी चुप्पी
सपा सांसद व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बांग्लादेश की हिंसा पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि कोई भी समाज के लोग हे चाहें वह बहुसंख्यक हो या कोई हिंदु, बौद्ध या कोई अन्य धर्म को मानने वाले हो कोई भी इंसान हिंसा का शिकार नही होना चाहिए। केंद्र सरकार इस मामलें को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवधिकार की रक्षा के रूप में सख्ती से कदम उठाया जाना चाहिए। यह घटना हमारी प्रतिरक्षा और आंतरिक सुरक्षा का भी अति संवेदनशील का विषय बना हुआ है।
सेना ने बांग्लादेश की कमान संभाली
बता दें कि बांग्लादेश में हिंसा और अराजकता के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया। इसके बाद सेना ने बांग्लादेश की कमान संभाली। राजनीति में उथल-पुथल के बाद अंतरिम सरकार की गठन हुआ। मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के रुप में शपथ ली हैं। लेकिन इसके बावजूद भी वहां के हालातों पर काबू नहीं कर पाएं है। हिंदु समाज के घरों, दुकानों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है।
अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले
आपको बता दें भारी हिंसा आगजनी के चलते 5 अगस्त को पूर्व पीएम शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद बांग्लादेश के 52 जिलें में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों केो निशाना बनाने की खबर मीडिया में चलने लगी। जो बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। हालांकि, अंतरिम सरकार की शपथ ग्रहण भी हो गई लेकिन फिर भी हालात बद से बदतर बना हुआ है।