एससीओ समिट 2024: विदेश मंत्री एस. जयशंकर जाएंगे इस्लामाबाद, 9 साल बाद पाकिस्तान जा रहा कोई भारतीय मंत्री
- पाकिस्तान कर रहा एससीओ समिट की अध्यक्षता
- शामिल होने इस्लामाबाद जाएंगे विदेश मंत्री एस. जयशंकर
- आखिरी बार 9 साल पहले सुषमा स्वराज ने किया था पाकिस्तान दौरा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में 15-16 अक्टूबर को एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) की बैठक होगी, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर हिस्सा लेंगे। बीते 9 साल में ऐसा पहली बार होगा जब भारत का कोई मंत्री पाकिस्तान की यात्रा करेगा। इससे पहले दिसंबर 2015 में भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी पाकिस्तान दौरे पर गई थीं। इसके बाद से कोई भी भारतीय मंत्री पाकिस्तान नहीं गया है।
इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने जब उनसे सवाल किया गया कि क्या विदेश मंत्री की यात्रा भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने का प्रयास है? तो इस पर उन्होंने जवाब दिया कि भारत एससीओ चार्टर को लेकर प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्री की यात्रा का यही कारण है। इसका कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।
पाकिस्तान ने भेजा था निमंत्रण
इस बार एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी पाकिस्तान कर रहा है। उसके पास एससीओ के काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट की अध्यक्षता है जो रोटेट होती रहती है। पाकिस्तान ने अगस्त में, भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शंघाई सहयोग संगठन की काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट की मीटिंग के लिए इनवाइट किया था। तब पाकिस्तान की विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा था कि बैठक में भाग लेने के लिए सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को निमंत्रण भेजा गया है।
'पाकिस्तान से बातचीत का दौर खत्म'
इसके बाद पीएम मोदी को मिले निमंत्रण के सवाल पर एस जयशंकर ने कहा था, "पाकिस्तान से बातचीत करने का दौर खत्म हो चुका है। हर चीज का समय होता है, हर काम कभी ना कभी अपने अंजाम तक पहुंचता है। जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है तो अब वहां आर्टिकल 370 हट चुका है, यानी मुद्दा ही खत्म हो चुका है। अब हमें पाकिस्तान के साथ किसी रिश्ते पर क्यों विचार करना चाहिए।"
इससे पहले भारत ने बीते साल वर्चुअल मोड में 4 जुलाई को SCO शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऑनलाइन हिस्सा लिया था। वहीं बीते साल ही मई में गोवा में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी जिसमें पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी शामिल हुए थे।