रक्षा मंत्री का यूएस दौरा: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी दौरे पर किया 'सोसा' समझौते पर दस्तखत, जानिए क्या खास है इस समझौते में

  • राजनाथ सिंह का अमेरिकी दौरा।
  • एक खास समझौते पर किया दोनों देशों ने हस्ताक्षर।
  • दोनों देशों को होगा रक्षा के क्षेत्र में फायदा।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-24 11:53 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फिलहाल अमेरिकी दौरे पर हैं। वहां पर राजनाथ सिंह का भव्य स्वागत किया गया, साथ ही उन्हें 'गॉड ऑफ ऑनर' से भी सम्मानित किया गया। भारतीय रक्षा मंत्री ने अपने अमेरिकी दौरे के दौरान वाशिंगटन डीसी में वहां के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात कर एक नए रक्षा समझौते पर हस्तातक्षर किया है। इस रक्षा समझौते के जरिए दोनों देशों को रक्षा उपकरणों और पूर्जों की अपूर्ति को पूरा करने में सहायता मिलेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस समझौते को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए मजबूत ताकत बताया। इसी के साथ ही दोनों देशों के रक्षा मंत्री ने कई बड़े मुद्दों पर चर्चा की। इनमें द्विपक्षीय सहयोग, औद्योगिक सहयोग, क्षेत्रिय सहयोग और अन्य राष्ट्रीय मुद्दे शामिल हैं।

क्या है 'सोसा' समझौता?

भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी दौरे के दौरान वहां के रक्षा मंत्री के साथ 'सिक्योरिटी ऑफ सप्लाई अरेंजमेंट' (सोसा) समझौते पर हस्ताक्षर किया है। आपको बता दें, इस समझौते के जरिए दोनों देश अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संसाधनों की सप्लाई चेन में आने वाली रुकावटों को हल कर एक दूसरे को इंडस्ट्रियल रिसोर्सेज प्राप्त कराने में सहायता करेंगे। इस समझौते के माध्यम से भारत और यूएस के बीच रक्षा उद्योग सहयोग में मजबूती आएगी। साथ ही, लायसन ऑफिसर (संपर्क अधिकारी) की नियु्क्ति समझौते के तहत भारत इंडो-पैसिफिक कमांड (इंडोपैकोम) फ्लोरिडा में विशेष ऑपरेशन कमांड और बहरीन में अमेरिकी कंबाइंड मेरीटाइम फोर्सेज़ (सीएमएफ) में तीन कर्नल स्तर के अधिकारियों को तैनात करेगा।

अधिकारियों के मुताबित, सोसा बिल पर यूएस की ओर से प्रिंसिपल डिप्टी असिस्टेंट सेक्रेटरी ऑफ डिफेंस फॉर इंडस्ट्रियल बेस पॉलिसी के डॉ विक रामदास और भारत की ओर से अपर सचिव और महानिदेशक समीर कुमार ने हस्ताक्षर किए हैं।

भारत और अमेरिकी कंपनियों के लिए नए अवसर खोलेगा सोसा- पुशन दास

यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल के एयरोस्पेस एवं डिफेंस के निदेशक पुशन दास ने सोसा समझौते को लेकर कहा,"सोसा समझौते से दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधी उत्पादों के अधिग्रहण के रास्ते बढ़ेंगे। यह समझौता भले ही कानूनी रूप से बाध्यकारी न हो, लेकिन भारतीय और अमेरिकी कंपनियों के बीच क्रॉस इन्वेस्टमेंट और साझेदारी के नए रास्ते खोलेगा।"

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