Bangladesh Protests: बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच लगा कर्फ्यू, 105 से ज्यादा मौतें और 2500 जख्मी

  • आरक्षण को खत्म करने को लेकर प्रदर्शन
  • हिंसक प्रदर्शन के कारण लगाया कर्फ्यू
  • अब तक हिंसा में 105 से अधिक की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-20 03:50 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण को खत्म करने को लेकर के छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। यह प्रदर्शन कुछ सप्ताह पहले शुरू हुआ था, जो हिंसा में बदल गया। हाथ में लाठी, डंडे और पत्थर लेकर सड़कों पर घूम रहे प्रदर्शनकारी बसों और निजी वाहनों को आग के हवाले कर रहे हैं। ऐसे में अब तक 105 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जिसके बाद सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लागू करने और सेना की तैनाती की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रेस सचिव के अनुसार, छात्रों के बढ़ते विरोध और प्रदर्शनों के बीच व्यवस्था बहाल करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। यह तुरंत प्रभाव से लागू होगा और इसका उद्देश्य चल रही अशांति को रोकना और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

बांग्लादेश में आरक्षण व्यवस्था

एक रिपोर्ट के अनुसार, 170 मिलियन की आबादी वाले देश में लगभग 32 मिलियन युवा बेरोजगार हैं। इनमें कई शिक्षा से वंचित लोग भी शामिल हैं। वहीं वर्तमान आरक्षण सिस्टम के तहत 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित हैं, जिनमें से 30 प्रतिशत 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए, 10 प्रतिशत पिछड़े प्रशासनिक जिलों, 10 प्रतिशत महिलाओं, 5 प्रतिशत जातीय अल्पसंख्यक समूहों और 1 प्रतिशत नौकरियां दिव्यांगों के लिए आरक्षित हैं।

इस व्यवस्था के खिलाफ छात्र

बांग्लादेश के छात्र स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को मिलने वाले आरक्षण के खिलाफ हैं और वे योग्यता आधारित व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए प्रदर्शन किया, यह इतना उग्र हो गया है कि, इसमें मरने वालों की संख्या 105 तक जा पहुंची है। वहीं अब तक 2500 से ज्यादा प्रदर्शनकारी पुलिस और सुरक्षा बलों के हाथ झड़प में जख्मी हुए हैं।

विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए सेना तैनात

बीबीसी बांग्ला ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रेस सचिव के हवाले से बताया था कि बांग्लादेश सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगाने और सरकारी नौकरी में कोटा के खिलाफ छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए सेना तैनात करने का फैसला किया है। वहीं इस मामले में भारत ने बांग्लादेश का आंतरिक मामला बताया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा है कि, पड़ोसी देश में रह रहे 15000 भारतीय सुरक्षित हैं, जिनमें 8500 के करीब छात्र हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि, विदेश मंत्रालय स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है। वहीं शुक्रवार रात तक 245 भारतीय बांग्लादेश से लौट आए हैं, जिनमें 125 छात्र शामिल हैं। 

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