ड्रैगन की हरकतें: चीनी सेना ने ताइवान के आसपास दंड अभ्यास शुरू किया, अभ्यास के जवाब में ताइवान ने अपनी तीनों सेनाएं तैनात की
- ताइवान की खाड़ी में युद्धाभ्यास
- ताइवान ने चीन की संप्रभुता के दावे को अस्वीकारा
- क्षेत्रीय स्थिरता और शांति को खतरा
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। चीन की सेना ने गुरुवार को ताइवान के चारों तरफ दो दिवसीय व्यापक दंड अभ्यास शुरू किया। इसमें उसकी सेना, नौसेना, वायु सेना और रॉकेट बल हिस्सा ले रहे हैं। चीन ने यह अभ्यास ऐसे वक्त में किया है जब स्व-शासित द्वीप ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने देश पर चीन की संप्रभुता के दावे को अस्वीकार किया है। चीन अभ्यास को खतरनाक अलगाववादी के खिलाफ दंड बता रहा है। चीन ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग ते को खतरनाक अलगाववादी कहता है।
रॉयटर्स और एएफपी न्यूज एजेंसियों के हवाले से एक समाचार एजेंसी ने लिखा है कि चीन के अभ्यास के जवाब में ताइवान ने भी अपनी तीनों सेनाओं को तैनात कर दिया है। ताइवान ने अपने बयान में कहा रक्षा मंत्रालय ऐसी गैरवाजिब और उकसावे की कार्रवाई की निंदा करता है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और शांति को खतरा पहुंचाए।
ताइवान में नए राष्ट्रपति के रूप में लाई चिंग-ते के शपथ ग्रहण के बाद चीन ने ये सैन्य अभ्यास शुरू किया है। आपको बता दें चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानता है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ताइवान पर पूर्ण अधिकार को अपना लक्ष्य मानते है।
खबरों के मुताबिक नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने शपथ ग्रहण के बाद दिए अपने पहले भाषण में चीन को कड़ी भाषा में संदेश दिया था कि उनका देश आजाद है। चीन ने ताइवान राष्ट्रपति के इस भाषण की चीन ने निंदा की थी। लाई चिंग-ते ने मंगलवार को पद की शपथ ली। अपने पहले भाषण में उन्होंने ताइवान की रक्षा क्षमता को और मजबूत बनाने की बात कही थी।
चीन की ओर से शुरु किए गए दो दिवसीय अभ्यास में लड़ाकू विमान और नौसेना के कई जहाज शामिल हैं। अभ्यास को लेकर चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने कहा कि सेना की युद्ध क्षमताओं के आकलन के लिए यह अभ्यास किया जा रहा है। इसके जवाब में ताइवान ने भी अपनी आजादी की रक्षा के लिए अपनी जल, थल और वायु सेनाओं को तैनात कर दिया है।