ब्रिक्स मेंबरशिप: ब्रिक्स में शामिल होने के लिए बांग्लादेश को चीन का खुला समर्थन, क्या भारत के लिए बढ़ेंगी मुश्किलें?
- बांग्लादेश को चीन का खुला समर्थन
- ब्रिक्स में शामिल होने का स्वागत
- भारत के लिए बढ़ेंगी मुश्किलें?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन ने ब्रिक्स देशों के समूह में बांग्लादेश को शामिल करने का खुला समर्थन किया है। बांग्लादेश के ब्रिक्स में शामिल होने की इच्छा जताने के बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने पड़ोसी देश की तारीफ की है। हालांकि, भारत अगले पांच साल तक ब्रिक्स समूह में किसी भी देश की एंट्री के पक्ष में नहीं है। चीन के उप विदेश मंत्री सुन वेइडोंग ने बांग्लादेश के ब्रिक्स में शामिल होने की इच्छा का स्वागत किया है। हालांकि, चीन और बांग्लेदेश के बीच गहराती दोस्ती भारत के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है। बता दें कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री अगले महीने चीन के दौरे पर जाने वाली है।
भारत का नुकसान
ब्रिक्स देशों के समूह में बांग्लादेश की एंट्री भारत की मुश्किलें बढ़ा सकता है। दरअसल, चीन और रूस ब्रिक्स का विस्तार कर पश्चिमी देशों के खिलाफ एक मजबूत समूह तैयार करना चाहते हैं। जबकि भारत को बांग्लादेश के शामिल होने से समूह में चीन का दबदबा बढ़ने का डर सता रहा है। इस वजह से भारत अगले 5 साल तक ब्रिक्स में किसी और देश की एंट्री के पक्ष में नहीं है। खासतौर पर चीन और बांग्लादेश गहराते संबंध भारत को परेशानी में डाल सकता है।
दोहरे फायदे की चाहत
अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में उभरती अर्थव्यवस्थाओं का दबदबा बढ़ाने के लिए ब्रिक्स का गठन किया गया था। पश्चिमी देशों के खिलाफ विकासशील देशों के बीच आर्थिक सहयोग और ताकत बढ़ाने के लिए बनाए समूह (ब्रिक्स) में शामिल हो कर बांग्लादेश दोहरा फायदा उठाना चाहता है। बांग्लादेश ने अपने एक बयान में कहा है कि ब्रिक्स देशों के समूह में शामिल किया जाए जिससे विकासशील देशों के साथ उसके रिश्ते को मजबूती मिले। बांग्लादेश ने कहा है कि ब्रिक्स की सदस्यता मिल जाने पर उसे अपने दोनों बड़े व्यापारिक साझेदार भारत और चीन के साथ आर्थिक समन्वय बनाने में मदद मिलेगी।