राजनयिक विवाद: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भारत से पंगा लेना पड़ रहा है भारी
- ट्रूडो की लोकप्रियता में गिरावट
- पार्टी के सांसदों ने चौथे कार्यकाल के लिए दावेदारी पेश करने से किया मना
- फैसले के लिए 28 अक्तूबर तक की डेडलाइन तय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भारत से पंगा लेना भारी पड़ रहा है। दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद जारी है। इसी बीच ट्रूडो की पार्टी के सांसदों ने उन्हें चौथे कार्यकाल के लिए दावेदारी पेश करने से मना किया है। साथ ही पद से इस्तीफा देने को कहा है। इसके लिए उन्हें 28 अक्टूबर की तारीख तक का समय दिया है। यानि लिबरल पार्टी के सांसदों ने ट्रूडो को इस पर फैसला लेने के लिए 28 अक्तूबर तक की डेडलाइन तय की है। कुछ सांसदों ने 28 अक्तूबर के बाद ट्रूडो को गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।
भारत से बढ़ते राजनयिक विवाद के बाद कनाडा में जस्टिन ट्रूडो और उनकी पार्टी की लोकप्रियता में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। इसके चलते ट्रूडो की पार्टी के सांसद उन पर पीएम पद से इस्तीफा देने को कह रह है। आपको बता दें हाल ही में हुए कुछ सर्वे की रिपोर्ट में ट्रूडो की लिबरल पार्टी विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी से पीछे है।
आपको बता दें इन सब से बचने के लिए हाल ही में जस्टिन ट्रूडो ने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ मीटिंग की। ट्रूडो ने बैठक के बाद लिबरल पार्टी को मजबूत और एकजुट होने की बात कही। उनके बयान के इतर पार्टी के ही दर्जनभर सांसद विरोध में है। 20 सांसदों ने अगले चुनाव से पहले ही ट्रूडो से पीएम पद से इस्तीफा देने की मांग की है।
खबरों के मुताबिक लिबरल पार्टी के सासंद केन मैकडोनाल्ड ने ट्रूडो से कहा है उन्हें लोगों की बातें सुनना शुरू करना चाहिए। मैकडोनाल्ड ने कहा कि गिरती लोकप्रियता के चलते ट्रूडो अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। मैकडोनाल्ड विरोध कर रहे 20 सांसदों में शामिल है। जबकि ट्रू़डो चौथे कार्यकाल के लिए अपनी दावेदारी पेश करने में जुटे हुए है।