घुसपैठियों पर फायरिंग: भारत में घुसपैठ कर रही बांग्लादेशी मां-बेटी पर बीएसएफ ने चलाई गोली, 13 साल की लड़की की मौत

  • हिंदू लड़की की फायरिंग में मौत
  • परिवार के पास लौटाया गया शव
  • मां बची बाल-बाल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-05 08:26 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश का बॉर्डर पार कर भारत में घुसपैठ कर रही एक हिंदू लड़की बीएसएफ (BSF) की फायरिंग में मारी गई है। त्रिपुरा में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर 13 साल की बांग्लादेशी हिंदू लड़की अवैध रूप से घुसने का प्रयास कर रही थी। बीएसएफ ने उसे रोकने की कई कोशिशें की पर वह फायरिंग में मारी गई। लड़की के साथ उसकी मां भी थी। हालांकि, वह गोली लगने से बाल-बाल बच गईं। लड़की का शव परिवार को सौंप दिया गया है।

दरअसल, बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़ कर जाने के बाद तख्तापवट हो गया था। जिसके बाद देश में अल्पसंख्यकों और हिंदुओं पर हमलों की खबर सामने आने लगी। लोग अपनी जान बचाने के लिए बांग्लादेश की सीमा पार कर भारत में घुसना चाहते हैं। आपको बता दें कि, बीते कुछ समय से ऐसी कीई तस्वीरें समाने आई हैं जहां बांग्लादेशी लोग भारत में घुसपैठी करने की कोशिश कर रहे थे।

 परिवार को लौटाई गई डेड बॉडी

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने मंगलवार देर रात को मृतक लड़की की डेड बॉडी बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) को सौंप दी थी। रिपोर्ट के अनुसार, घटना के 45 घंटे बाद शव सौंपा गया था। बॉर्डर पास करने का प्रयास कर रही 13 साल की लड़की का नाम स्वर्णा दास बताया जा रहा है। कुलौरा पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी बिनय भूषण रॉय ने जरूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी करके शव को परिवार को लौटा दिए जाने की पुष्टी की है। 

मां को नहीं लगी गोली

जानकारी के मुताबिक, स्वर्णा दास बांग्लादेशी हिंदू थी जिसकी उम्र 13 साल थी। स्वर्णा पश्चिम जूरी संघ के जूरी उपजिला के अंतर्गत कलनीगर गांव की रहने वाली थी। वह पोरेंद्र दास की बेटी थी। पोरेंद्र दास ने जानकारी दी कि, स्वर्णा और उसकी मां, अवैध रूप से भारत में घुसने की कोशिश कर रही थीं ताकि वह अपने सबसे बड़े बेटे से मिल सके जो कि, त्रिपुरा में रहते हैं। रविवार रात लगभग 9 बजे वह बॉर्डर पर पहुंची जहां उसे गोली मार दी गई। स्वर्णा के साथ उसकी मां भी थी लेकिन उनको गोली नहीं लग पाई।

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