चीन को झटका: भारत के नक्शेकदम पर चला ब्राजील, बना चीन के 'BRI' को को अस्वीकार करने वाला ब्रिक्स समूह का दूसरा देश

  • भारत के नक्शेकदम पर चला ब्राजील
  • बना चीन के 'BRI' को को अस्वीकार करने वाला ब्रिक्स समूह का दूसरा देश
  • राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा चीन के बेंट एंड रोड इनिशिएटिव में भाग नहीं लेने का किया फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-29 20:51 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के बाद अब ब्राजील ने भी चाइना के मल्टी बिलियन डॉलर प्रोजेक्ट ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ में भाग लेने से मना कर दिया है। चीन ब्रिक्स समूह का हिस्सा है। उन्हें उम्मीद थी की इस समूह से जुड़े देश उनके इस प्रोजेक्ट में जुड़ेंगे। लेकिन भारत के बाद अब ब्राजील ने भी चीन की इस परियोजना को समर्थन न देने का फैसला किया है। इसी के साथ ब्राजील ऐसा करने वाला भारत के बाद ब्रिक्स समूह का दूसरा देश है। 

चीन की एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मामलों में राष्ट्रपति के विशेष सलाहकार सेल्सो अमोरिम ने कहा, “ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने भी चीन के बेंट एंड रोड इनिशिएटिव में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। वहीं, ब्राजील चीन के निवेशकों के साथ काम करने के लिए दूसरे विकल्पों की ओर देख रहा है।”

राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा के विषेश सलाहकार सेल्सो अमोरिम ने ब्राजील के एक अखबार से बातचीत के दौरान कहा, "हम चीन के साथ संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाना चाहते हैं। लेकिन बिना किसी कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हुए।"

ब्रिक्स देशों में इस प्रस्ताव का विरोध करने वाला पहला देश था भारत

भारत चीन के इस ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ प्रोजेक्ट का विरोध करने वाला पहला देश है जो ब्रिक्स समूह का हिस्सा है। दरअसल, चीन अपने इस प्रोजेक्ट में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर 60 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) बनाना चाहता है। जिसका विरोध करते हुए भारत ने कहा कि यह हमारे देश के संप्रभुता के खिलाफ है।

भारत ने चीन के इस परियोजना की आलोचना करते हुए कहा था कि इन्हें अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों, सुशासन और कानून के शासन पर आधारित होना चाहिए तथा खुलेपन, पारदर्शिता और वित्तीय स्थिरता के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।

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