गाजा पर हमला: गाजा हमलों के बीच बोलिविया ने इजराइल से वापस बुलाए अपने राजनयिक

  • इजराइल और हमास के बीच जंग
  • बोलिविया ने राजदूतों को वापस बुलाने का लिया फैसला
  • कूटनीतिक संबंधों में दरार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-01 12:51 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजराइल और हमास के बीच कई दिनों से जंग जारी है। जंग के बीच बोलिविया ने इजराइल से अपने राजनयिकों को बुलाने का फैसला किया। दक्षिण बोलिविया के इस फैसले को कूटनीतिक संबंधों से जोड़कर देखा जा रहा है। बोलिविया ही नहीं कई देशों ने अपने राजनयिकों को युद्ध में शामिल देशों से बुला लिया गया है। बोलिविया की उप विदेश मंत्री फ्रेडी मामानी ने मीडिया को जानकारी दी कि हमने इजराइल के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को समाप्त करने का फैसला लिया है। यह फैसला गाजा पट्टी पर इजराइली हमले और नागरिकों की मौतों के विरोध में लिया गया है।'

आपको बता दें इजराइल ने हमास पर आसमानी हमलों के साथ जमीनी हमले भी शुरू कर दिए है। जमीनी हमलों से हमास के ठिकाने नेस्तानबूद हो रहे है। 26 दिनों से जारी इस युद्ध में करीब 10,000 से ज्यादा मौत हो चुकी है।  

बोलिविया ने की इजराइली हमलों की निंदा

बोलिविया ने तबाही से ग्रसित क्षेत्र गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने का ऐलान भी किया है। बोलिविया देश की मंत्री मारिया नेला प्राडा ने इसे लेकर कहा, ' हम गाजा पर इजराइल के हमलों को तत्काल प्रभाव से सीजफायर की मांग करते है। इस युद्ध में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है, जिनका जंग से कोई संबंध नहीं था। इजाराइल हमलों के चलते लाखों फिलिस्तीनी की जिंदगी उजड़ गई हैं। ' वहीं, बोलिविया के नजदीकी देश कोलंबिया और चिली ने भी इजराइल के हमलों की निंदा की हैं। यहां तक कि इन देशों ने भी राजनयिकों को इजराइल से अपने देश बुलाने का निर्णय लिया है । साथ ही गाजा पट्टी पर इजराइली हमलों को तत्काल प्रभाव से रोकने की मांग तक की है।

फिलिस्तीन को सपोर्ट करने का कारण

कोलंबिया और चिली का इजराइली हमलों के खिलाफ आवाज उठाने की वजह इन देशों के आपसी इतिहास से जुड़ा है। दरअसल, कोलंबिया और चिली हमेशा से ही फिलिस्तीन के कट्टर समर्थक माने गए हैं। क्योंकि इन देशों की सरकारें हमेशा से ही लेफ्ट विचारधारा की अनुयायी रही हैं। कोलंबिया, वेनेजुएला, चिली और क्यूबा जैसे देश इस विचारधारा का पालन करते आए हैं। वहीं दूसरी ओर अमेरिका के समर्थन वालें देश दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े हुए हैं। यही वजह है कि इजराइल-हमास युद्ध में यह सभी देश अपनी विचारधाराओं के आधार पर दोनों पक्षों में बंट गए हैं। इधर, चिली के राष्ट्रपति गैब्रिएल बोरिक ने इजराइली हमलों पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि इजराइल गाजा पर अपने हमलों से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून की धज्जियां उड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि इजराइल हमास के हमलों का बदला गाजा के निर्दोष लोगों की हत्या के रूप में ले रहा है। यह जानते हुए कि इन लोगों का इस युद्ध से कोई संबंध नहीं है।

चिली में फिलिस्तीनी मूल की आबादी अरब देशों के मुकाबले अधिक है।  चिली राजनीतिक मायनों से फिलिस्तीनयों को हमेशा से ही वोटबैंक के लिहाज से देखता आया है। यही कारण है कि चिली फिलिस्तीन नागरिकों की मौतों पर इजराइल को फटकार लगा रहा है। इधर, युद्ध रोकने को लेकर ब्राजील और मेक्सिको जैसे लैटिन अमेरिकी देश भी चिली के साथ सुर से सुर मिला रहे हैं। बता दें, बोलिविया युद्ध के बीच में इजराइल से अपने राजनीतिक संबंधों को खत्म करने वाला पहला देश बन गया है। युद्ध में लैटिन अमेरिकी देशों के 13 नागरिकों की हमास के हमले में मौत हो गई थी। वहीं, 21 लोग अब भी गुमशुदा हैं।

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