अयोग्य: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका, आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए ठहराया अयोग्य
- ट्रंप को आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए बड़ा झटका
- राष्ट्रपति पद के लिए राज्य के प्राथमिक मतदान से हटा
- यूएस कैपिटल हिंसा मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए बड़ा झटका लगा है। यूएस कैपिटल हिंसा मामले में मंगलवार को कोलोराडो प्रांत की कोर्ट ने ट्रंप को अमेरिकी संविधान के तहत राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य करार दिया। कोलोराडो हाईकोर्ट ने ये फैसला 4-3 के बहुमत से दिया है। कोलोराडो प्रांत के हाईकोर्ट ने जिला अदालत के उस फैसले को पलट दिया है जिसमें ट्रंप को 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल (अमेरिकी संसद) पर हुए हमले के लिए भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप था। हालांकि जिला अदालत ने ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने से नहीं रोका गया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले पर चार जनवरी तक या अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का मामले में फैसला आने तक रोक लगा दी। वहीं, इस फैसले से अमेरिका की सर्वोच्च अदालत को अब यह तय करना होगा कि क्या ट्रंप रिपब्लिकन की तरफ से नामांकन दौड़ में बने रह सकते हैं।
व्हाइट हाउस की रेस में जुटे ट्रंप के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है। कोर्ट ने रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से प्रमुख दावेदार ट्रंप को राष्ट्रपति पद के लिए राज्य के प्राथमिक मतदान से हटा दिया है। खबरों के मुताबिक ट्रंप के खिलाफ फैसला देने वाले सभी जस्टिस डेमोक्रेटिक पार्टी के गवर्नरों द्वारा नियुक्त किए गए थे।
आपको बता दें साल 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद ट्रंप के समर्थकों ने 6 जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद) पर हमला किया था। भारी तादाद में ट्रंप के समर्थक संसद भवन के ऊपर और अंदर घुस गए थे। इस दौरान ट्रंप के समर्थकों ने हिंसा और तोड़फोड़ की थी, जिसमें पांच लोग मारे गए थे। ट्रंप पर समर्थकों को उकसाने का आरोप लगा था। अमेरिका में ये पहली बार हो रहा है। जब कोर्ट ने अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन की धारा-3 का इस्तेमाल राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने के लिए किया गया है। कोर्ट ने संविधान की इस धारा के तहत अपने फैसले में कहा है कि ट्रंप राष्ट्रपति पद संभालने के लिए अयोग्य हैं। हालांकि हाईकोर्ट ने अपने फैसले पर 4 जनवरी या सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक रोक लगाई है।