सुरक्षा परिषद: संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता के प्रस्ताव पर अमेरिका ने किया वीटो, इजराइल ने जताई खुशी, वहीं निराश हुआ फिलिस्तीन
- फिलिस्तीन ने जताई निराशा, इजराइल हुआ खुश
- समर्थन में पड़े 12 वोट
- स्विट्जरलैंड और ब्रिटेन वोटिंग में शामिल नहीं हुए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता के प्रस्ताव को लेकर वीटो का इस्तेमाल किया। अमेरिका के वीटो पर इजराइल ने खुशी व्यक्त की। वहीं फिलिस्तीन ने निराशा जाहिर की।संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के प्रतिनिधि रियाद मंसूर ने अमेरिका द्वारा प्रस्ताव पर वीटो लगाने के फैसले पर निराशा जताई। उन्होंने प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने वाले देशों का आभार जताया।उन्होंने कहा फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता देने का मतलब शांति में निवेश है।
बीते दिन गुरुवार को 15 देशों वाली परिषद ने फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पूर्ण सदस्यता के प्रस्ताव पर वोटिंग की।फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य बनाने के प्रस्ताव के पक्ष में 12 वोट पड़े, वहीं स्विट्जरलैंड और ब्रिटेन वोटिंग में शामिल नहीं हुए।अमेरिका ने वीटो कर दिया जिससे यह प्रस्ताव पारित नहीं हो सका।आपको बता दें प्रस्ताव को पारित करने के लिए कम से कम 9 परिषद सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है।
वीटो पावर के इस्तेमाल पर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के प्रतिनिधि रॉबर्ट वुड ने सफाई देते हुए कहा कि अमेरिका ये मानता है कि फिलिस्तीनको अलग देश का दर्जा देने का सबसे सही रास्ता इजराइल और फिलिस्तीन के बीच संवाद से निकल सकता है। जिसमें अमेरिका और अन्य सहयोगी देश मदद कर सकते है। अमेरिका का ये वोट फिलीस्तीन को प्रथक देश का दर्जा देने के खिलाफ नहीं है।
वुड ने 7 अक्तूबर को इजराइल पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने साफ किया था कि क्षेत्र में दो देशों के प्रस्ताव से ही शांति आ सकती है। एक लोकतांत्रिक यहूदी राष्ट्र की सुरक्षा और भविष्य के लिए इससे दूसरा रास्ता नहीं है। फिलिस्तीन के शांति से रहने का भी दूसरा कोई रास्ता नहीं है।
रॉबर्ट वुड ने कहा कि हम लंबे समय से कहते आ रहे है की फिलिस्तीन को देश का दर्जा पाने के लिए कई संशोधन करने होंगे। मौजूदा दौर में गाजा में एक आतंकी संगठन हमास सत्ता में है और प्रस्ताव में हमास को फिलिस्तीन का अभिन्न अंग बताया गया है। इस वजह से अमेरिका ने प्रस्ताव पर वीटो किया है। आपको बता दें इससे पहले साल 2012 में भी फिलिस्तीन ने संयुक्त राष्ट्र के पूर्ण सदस्य बनाने की मांग उठाई थी, लेकिन उस वक्त भी सुरक्षा परिषद में इस पर सहमति नहीं बन सकी थी।