महामारी की दस्तक: कोरोना के बाद एक और खतरनाक वायरस ने दी दस्तक, वैज्ञानिकों ने जारी किया अलर्ट, 5 करोड़ लोगों की हो सकती है मौत!
- कोरोना से भी ज्यादा घातक है डिसीज एक्स
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी जारी किया अलर्ट
- वैज्ञानिकों ने वैक्सीन पर किया काम शुरू
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महामारी से दुनियाभर में करीब 25 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। हालांकि वैक्सीन बनने के बाद इससे होने वाली मौतों पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया है। इस बीच मेडिकल एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि आने वाले समय में दुनिया एक और वायरस की चपेट में आ सकती है जो कि कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक होगा। एक्सपर्ट्स ने इस महामारी का नाम डिसीज एक्स रखा है। उनके मुताबिक यह कोराना के मुकाबले 7 गुना अधिक घातक होगी। एक्सपर्ट ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि ये वायरस 1918-1920 के विनाशकारी स्पैनिश फ्लू के जैसे ही प्रभाव डाल सकता है।
हो सकती हैं 5 करोड़ से अधिक मौतें
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्वास्थ संगठन के मेडिकल एक्सपर्ट ने डिसीज एक्स के बारे में चेतावनी देते हुए बताया कि नया वायरस कोरोना महामारी की तुलना में 7 गुना अधिक खतरनाक है। कोरोना के मुकाबले इससे 20 गुना अधिक मौतें होंगी, जो करीब 5 करोड़ तक हो सकती हैं। यूके के वैक्सीन टास्क फोर्स के चीफ डेम केट बिंघम ने भी इस महामारी से 5 करोड़ लोगों की मौत होने की आशंका जताई है। बिंघम के मुताबिक डिसीज एक्स इतनी खतरनाक महामारी होगी कि इससे निपटना दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने आगे कहा कि वैज्ञानिक 25 वायरस फैमली की निगरानी कर रहे हैं। जिनमें से प्रत्येक में हजारों व्यक्तिगत वायरस शामिल हैं। इन वायरसों में से कोई एक वायरस म्यूटेट होकर महामारी का रूप ले सकता है।
डेम केट बिंघम ने कहा, "कोविड के साथ वायरस से संक्रमित अधिकांश लोग ठीक होने में सफल रहे। कल्पना कीजिए कि रोग एक्स, इबोला की मृत्यु दर के साथ खसरे जितना ही संक्रामक है, जो 67 फीसदी है। दुनिया में कहीं न कहीं इसकी नकल हो रही है और देर-सबेर कोई न कोई बीमार महसूस करने लगेगा।"
वैक्सीन बनाने का काम हुआ शुरु
वहीं ब्रिटेन में वैज्ञानिक ने डिसीज एक्स से लोगों को बचाने के लिए वैक्सीन बनाने का काम शुरु कर दिया है। इस टीके को विल्टशायर के हाई सिक्योरिटी वाले पोर्टन डाउन प्रयोगशाला में 200 से ज्यादा वैज्ञानिक की टीम द्वारा तैयार किया जा रहा है। जिसमें वैज्ञानिकों का फोकस इंसानों को संक्रमित करने और तेजी से फैलने की क्षमता वाले बर्ड फ्लू, मंकीपॉक्स और हंतावायरस जैसे जानवरों के वायरस पर है।