राष्ट्रपति और सेना के बीच तकरार: बांग्लादेश के बाद ईरान में भी हो सकता है तख्तापलट, राष्ट्रपति और सेना के बीच टकराव की खबर

  • ईरान में हो सकता है बांग्लादेश जैसा तख्तापलट
  • पजेशकियान के शपथ ग्रहण में हानिया हुआ था शामिल
  • ईरान के अंदर घुसकर हमास के मुखिया इस्माइल हानिया को मारा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-13 13:53 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश के बाद ईरान में भी तख्तापलट हो सकता है। खबरों के मुताबिक ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पजेशकियान और सेना के बीच टकराव देखने को मिल रहा है। दोनों के बीच टकराव कुछ दिनों से देखा जा रहा है। ईरान में इजारयल को लेकर पहले से ही तनाव बना हुआ है। ये तनाव तब से और बढ़ गया जब इजरायल ने ईरान के अंदर घुसकर हमास के मुखिया इस्माइल हानिया को मारा है। जिसके बाद ईरान बदला लेने की फिराक में है। जामकरन मस्जिद पर लाल झंडा लगाकर ईरान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इजरायल से बदला लेना ही उसका मकसद है। ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खामेनेई ने ये संकेत दिए है कि ईरान बदला लेगा, लेकिन कब? क्या सच में ईरान बदला लेगा।

पजेशकियान के शपथ ग्रहण में हानिया हुआ था शामिल

जामकरन मस्जिद पर लाल झंडा लगाने और अयातुल्लाह अली खामेनेई के ऑर्डर के बाद भी ईरान ने इजरायल पर हमला नहीं किया है तो इसकी वजह ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजेशकियान हैं। हमास का मुखिया इस्माइल हानिया की ईरान में जब हत्या हुई थी। उस समय हानिया ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पजेशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान गया था।

वहीं दूसरी तरफ ईरान के राष्ट्रपति मसूद, इजराइल से आमने- सामने की लड़ाई करने से कतराते है। क्योंकि मसूद को डर है कि अगर इजराइल पर सीधे तौर पर हमला करते हैं तो फिर ईरान को सिर्फ इजराइल का ही सामना नहीं करना पड़ेगा बल्कि अमेरिका के साथ साथ अन्य पश्चिमी देश का भी वार झेलना पर सकता है। इन दोनों देश से एक साथ लड़ाई करना मुमकिन है। यही वजह है कि ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजेशकियान चाहते हैं कि वह लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह का ही मदद करें और उन्हें आधुनिक हथियार, पैसे और ज्यादा से ज्यादा लड़ाके मुहैया कराएं, ताकि हिजबुल्लाह ही इजराइल से लड़ाई कर सकें।

राष्ट्रपति और सेना के बीच तकरार

आपको बता दें हाल ही में ईरान में राष्ट्रपति के लिए चुनाव हुआ था। लेकिन ईरान के सैनिकों ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सईद जलीली को समर्थन कर रहे थे। हालांकि ईरान की जनता ने जलीली के बजाय मसूद को अपना नया राष्ट्रपति चुना। इससे यहीं पता चलता है कि राष्ट्रपति और सेना के बीच कुछ सही नहीं चल रहा है। ईरान अपने घरों में ही उलझा हुआ है। बता दें कि इजरायल ने अपने नागरिकों को आगाह कर दिया है कि सब अपना खाना और पानी का इकट्ठा कर लें।

इजरायल को अमेरिका की जरूरत तब होगी जब ईरान पूरी तरह से हमलें के लिए तैयार हो, लेकिन ईरान और ईरानी सेनाओं के बीच झगड़ा चल रहा है। अगर ईरान को इजरायल पर हमला करना हो तो पहले राष्ट्रपति का तख्तापलत करना होगा। सेना को अपने पक्ष के राष्ट्रपति बनाना होगा जो सेना का समर्थन करें। ऐसे में एक्सपर्ट का कहना है कि ईरान की सेना तख्तापलट कर सकती है। लेकिन इसमें काफी समय भी लग सकता है। 

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