बड़ी जिम्मेदारी: 12 साल बाद दोबारा आईएसएस की कप्तान बनी सुनीता, रूसी एस्ट्रोनॉट कोनोनेंको ने सौंपी कमान

  • आईएसएस की कप्तान बनी सुनीता विलियम्स
  • दूसरी बार मिली यह बड़ी जिम्मेदारी
  • स्पेस एक्स के रॉकेट से अगले साल फरवरी में होगी घरवापसी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-24 13:27 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय मूल की नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने दोबारा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की कप्तान बन इतिहास रच दिया है। सुनीता बीते तीन महिनों से साथी एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर के साथ स्पेस में हैं। बता दें, नासा के एक मिशन के तहत सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर दो हफ्तों के लिए अंतरिक्ष में गए थे। लेकिन विमान में कुछ तकनीकी खराबी आ जाने की वजह से उनकी घरवापसी अब तक नहीं हो सकी है। इसी बीच उन्हें आईएसएस की कमान सौंप दी गई है। खास बात यह है कि इससे पहले भी वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की कप्तान रह चुकी हैं।

नासा के किस मिशन पर हैं सुनीता

नासा ने अपने क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन के तहत एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथ अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर को बीते 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से स्पेस में भेजा था। मिशन प्लान के मुताबिक दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को 14 जून को धरती पर वापस लौटना था। लेकिन विमान के थ्रसटर्स में खराबी और हिलियम गैस के रिसाव की वजह से उनकी घरवापसी को 2025 तक टाल दिया गया है। अब दोनों एस्ट्रोनॉट्स एलन मस्क की स्पेस एक्स के रॉकेट से अगले साल फरवरी में धरती पर वापस आएंगे।

दूसरी बार मिली जिम्मेदारी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने सुनीता के आईएसएस के नए कप्तान बनने की जानकारी साझा की। इससे पहले यह जिम्मेदारी रूसी कॉस्मोनॉट ओलेक कोनोनेंको के पास थी। सुनीता को नए कप्तान बनाए जाने पर स्पेस स्टेशन पर एक छोटा कार्यक्रम भी आयोजित की गई। इस कार्यक्रम के दौरान उन्हें कप्तान बनाए जाने पर सुनीता खुशी वय्क्त करते हुए कहा, "एक्सपीडीशन 71 ने हमें काफी कुछ सिखाया है। आपने मुझे और बुच को अपनाया। जबकि, यह प्लान का हिस्सा भी नहीं था। आपने परिवार की तरह हमारा स्वागत किया।" आपको बता दें, यह दूसरी बार है जब सुनीता को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले साल 2012 में एक्सपीडीशन 33 के दौरान विलियम्स को आईएसएस का कप्तान बनाया गया था। 

 

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