मप्र: भोपाल में मिला कोरोना डेल्टा प्लस का पहला मामला, वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित हुई महिला
मप्र: भोपाल में मिला कोरोना डेल्टा प्लस का पहला मामला, वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित हुई महिला
- टीकाकरण के बाद डेल्टा प्लस से संक्रमित
- नए वेरिएंट की पुष्टि एनएसडीसी ने की है
- भोपाल में 65 वर्षीय महिला संक्रमित हुई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने देशभर में अपना गहरा प्रभाव छोड़ा है। फिलहाल बीते कुछ दिनों में मामलों में कमी आई है, लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है। देश का दिल कहे जाने वाले मप्र में हाल ही में लॉकडाउन को खोला गया है। लेकिन प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोनावायरस का एक नया वेरिएंट मिलने से खलबली मच गई है। दरअसल, शहर में कोरोना का नया वेरिएंट डेल्टा प्लस मिलने से भय का माहौल है।
नए वेरिएंट की पुष्टि एनएसडीसी ने की है। मामला भोपाल के बरखेड़ा पठानी निवासी एक 65 वर्षीय महिला का है। टेस्टिंग के दौरान कोरोना के नए वेरिएंट का पता चला है। फिलहाल महिला का इलाज चल रहा है। आइए जानते हैं कोरोना के इस नए वेरिएंट के बारे में...
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इस वेरिएंट से भय क्यों?
दरअसल, जिस महिला में कोरोनावायरस का नया वेरिएंट पाया गया है। उस महिला को पहले ही कोरोना वैक्सीन लग चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल दवा का भी असर नहीं होता। ऐसे में इस वेरिएंट "डेल्टा प्लस" से भय का वातावरण बनना लाजमी है।
एनएसडीसी ने की पुष्टि
आपको बता दें कि, मप्र में कोरोना टेस्टिंग के बाद सैम्पल को एनएसडीसी और हायर रिसर्च इंस्टीट्यूट में भेजा जा रहा है। यहां से उसके जेनेटिक वेरिएंट के बारे में पता चलता है। जांच के दौरान एनसीडीसी को एक सैंपल में नया वेरिएंट "डेल्टा प्लस" मिला है। इसके बाद एनएसडीसी इसकी पुष्टि की।
नए वेरिएंट के लिए इजेक्शन
कोरोना के इस नए वेरिएंट पर वैक्सीन भले ही कारगार नहीं रहा हो। लेकिन डरने की बात नहीं है, क्योंकि दो दवा कंपनियों कंपनियों ने हाल ही में यह इंजेक्शन तैयार किया है। उम्मीद जताई जा जा रही है कि संक्रमण से लड़ने में यह कारगर साबित होगा।
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भारत में हुई थी इस वेरिएंट की पहचान
कोरोनावायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट की पहचान पहली बार भारत में ही हुई थी। यह वेरिएंट कोरोना वायरस के "डेल्टा" या "बी1.617.2" प्रकार में बदलाव होने से बना है। हालांकि, वायरस का यह नया वेरिएंट कितना घातक हो सकता है, इसको लेकर कोई संकेत अब तक नहीं मिला है।