Coronavirus: जानिए एक ही फैमिली के होने के बावजूद SARS और MERS से कितना अलग है Covid-19
Coronavirus: जानिए एक ही फैमिली के होने के बावजूद SARS और MERS से कितना अलग है Covid-19
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नोवल कोरोनावायरस (SARS-CoV-2) से दुनियाभर में 18 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि करीब एक लाख लोगों की इससे मौत हुई है। ये वायरस इंसानों के फेफड़ों पर हमला करता है और निमोनिया मृत्यु का कारण बनता है। कोरोनावायरस किसी एक इकलौते वायरस का नाम नहीं है। यह वायरस की एक पूरी फैमिली है। 2002-2003 में सार्स वायरस (SARS-CoV) फैला था, वो भी एक तरह का कोरोनावायरस था जिसका सोर्स एक बिल्ली थी। मेर्स कोरोनावायरस (MERS-CoV) 2012-2013 में मिडिल ईस्ट में फैला था। इसका सोर्स ऊंट था। हालांकि ऐसा माना जाता है कि ये सभी वायरस चमगादड़ से ओरिजिनेट हुए और फिर ये दूसरों जानवरों में पास होने के बाद इंसानों तक पहुंच गए। तो चलिए जानते है एक ही फैमिली के होने के बावजूद ये वायरस एक दूसरे से कितने अलग है:
कंपेरिजन टेबल:
Pathogen |
Cases | Deaths | Fatality rate |
Mean Incubation period |
SARS-CoV |
8,439 | 812 | 9.6% |
5 days |
MERS-CoV |
2,519 | 866 | 34.3% | - |
SARS-CoV-2 |
18,59,011 |
1,14,979 |
1.38% to 3.4% |
5 days |
कोविड-19 (SARS-CoV-2)
SARS-CoV-2 से होने वाली बीमारी कोविड-19 है। इस वायरस से संक्रमण का पहला मामला दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में सामने आया था। ऐसा माना जाता है इस वायरस का सोर्स भी कोई जानवर है लेकिन अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है। कोविड-19 के मुख्य लक्षण बुखार, थकान और सूखी खांसी हैं। कुछ रोगियों में नाक का बहना, गले में खराश और दस्त जैसै लक्षण भी देखे गए हैं। ये वायरस इंसानों के फेफड़ों पर हमला करता है और निमोनिया मृत्यु का कारण बनता है।
नोवल कोरोनोवायरस संक्रमण को R0 (आर नॉट) को डब्ल्यूएचओ ने 2- 2.5 के बीच रखा है। R0 एक गणितीय शब्द है जो बताता है कि रोग कितना संक्रामक है। यह उन लोगों की औसत संख्या बताता है जो एक संक्रमित व्यक्ति से बीमार होंगे। अगर हम R0 को 2.5 लेते हैं, तो इसका मतलब है कि एक पॉजिटिव व्यक्ति 30 दिनों में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
सार्स (SARS-CoV)
SARS-CoV से होने वाली बीमारी सार्स यानी सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम है। पहली बार नवंबर 2002 में दक्षिणी चीन के गुआंगडोंग प्रांत में ये रिपोर्ट किया गया था। इसके बाद ये बीमारी 29 देशों में फैल गई। मई 2014 आखिरी बार कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हुआ था। इस वायरस से 8,439 लोग संक्रमित हुए थे और उनमें से 812 लोग मारे गए थे। इस वायरस का ओरिजिनल सोर्स चमगादड़ था और बाद में ये बिल्लयों के जरिए इंसानों तक पहुंच गया। सार्स के लक्षण फ्लू जैसे होते हैं, जैसे कि बुखार, सिरदर्द, दस्त, और कंपकंपी। SARS का R0 (आर नॉट) 2 से 4 के बीच है जिसका मतलब है कि यह अत्यधिक संक्रामक है।
मेर्स (MERS-CoV)
MERS-CoV से होने वाली बीमारी मेर्स यानी मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम है। इसस बीमारी का पहला मामला 2012 में सऊदी अरब में सामने आया था जो बाद में 27 देशों में फैल गया। मार्च 2020 तक, 2,519 मामले सामने आए हैं। जबकि 866 मौते हुई है। ये वायरस ऊंट के जरिए इंसानों तक पहुंचा था। बुखार, खांसी और सांस की तकलीफ इस वायरस के सामान्य लक्षण हैं। MERS का R0 (आर नॉट) एक से कम है। इसका मतलब है कि यह एक कम संक्रामक रोग है।