प्लस कोड का इस्तेमाल करके गूगल मैप्स में अपनी लोकेशन साझा कर सकेंगे एंड्रॉएड यूजर्स

प्लस कोड का इस्तेमाल करके गूगल मैप्स में अपनी लोकेशन साझा कर सकेंगे एंड्रॉएड यूजर्स

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-30 11:30 GMT
प्लस कोड का इस्तेमाल करके गूगल मैप्स में अपनी लोकेशन साझा कर सकेंगे एंड्रॉएड यूजर्स

सैन फ्रांसिस्को, 30 मई (आईएएनएस)। एंड्रॉएड डिवाइस के लिए गूगल मैप्स एप को एक नया अपडेट मिला है, जहां यूजर्स प्लस कोड का उपयोग करके अपनी लोकेशन साझा कर सकते हैं।

वैसे गूगल मैप्स में अगस्त 2015 से ही प्लस कोड का विकल्प है। मगर नए बदलाव का उद्देश्य यूजर्स (उपयोगकर्ताओं) को आसानी से अपनी लोकेशन (जहां पर फिलहाल वह हैं) को साझा करने की अनुमति देकर प्लस कोड के उपयोग का विस्तार करना है।

ए प्लस कोड अनिवार्य रूप से एक डिजिटल पता (एड्रेस) है और यह अक्षांश और देशांतर निर्देशांक से लिया गया है। यह किसी भी लोकेशन के लिए जेनरेट किया जा सकता है।

गूगल मैप्स में प्रोग्राम मैनेजमेंट के निदेशक डेविड मार्टिन ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, प्लस कोड जेनरेट (उत्पन्न) करने की तकनीक भी खुला स्रोत है, जिसका अर्थ है कि तकनीक आसान और उपयोग करने के लिए स्वतंत्र है। इसलिए कोई भी देख सकता है कि प्रौद्योगिकी कैसे काम करती है और किसी भी उपयोग के लिए अपने स्वयं की एप्लीकेशन विकसित की जा सकती है।

नई अपडेट में यूजर्स अपने मौजूदा स्थान का प्रतिनिधित्व करने वाले ब्लू डॉट पर टैप कर पाएंगे और इसके लिए एक प्लस कोड प्राप्त करेंगे।

यूजर्स वैकल्पिक रूप से स्पॉट पर भी लंबे समय तक टैप कर सकते हैं और उसके लिए एक कोड प्राप्त कर सकते हैं।

प्लस कोड के साथ ही एप्लिकेशन में अन्य विकल्पों भी दिखेंगे, जिसमें आस-पास की लेकेशन देखने, अपनी लोकेशन साझा करने और अपनी पार्किं ग का स्थान सुरक्षित करने जैसे बेहतरीन विकल्प शामिल हैं।

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