क्या राहुल गांधी ने सार्वजनिक तौर पर फाड़ा था मनमोहन सरकार का अध्यादेश? जानें वायरल पोस्ट का सच

फैक्ट चैक क्या राहुल गांधी ने सार्वजनिक तौर पर फाड़ा था मनमोहन सरकार का अध्यादेश? जानें वायरल पोस्ट का सच

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-27 14:49 GMT
क्या राहुल गांधी ने सार्वजनिक तौर पर फाड़ा था मनमोहन सरकार का अध्यादेश? जानें वायरल पोस्ट का सच

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत से आपराधिक केस में दो साल की सजा सुनाई गई है। इस सजा के चलते राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द हो गई है। बता दें कि राहुल की सदस्यता जन प्रतिनिधी कानून के अंतर्गत गई है। जिसमें दो या दो से अधिक साल की सजा पाने वाले विधायक या सांसद को सजा पूरी होने और उसके 6 साल बाद तक चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होता है। 

इस बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि यूपीए सरकार द्वारा लाए गया जो अध्यादेश राहुल की सदस्यता बचा सकता था उसे उन्होंने साल 2013 में सार्वजनिक रूप से फाड़ा था। वायरल तस्वीर में राहुल एक कागज को फाड़ते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर तस्वीर को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, “राहुल गांधी ने जिस ऑर्डिनेंस को फाड़ा उसी के तहत आज उनकी संसद सदस्यता खतरे में पड़ गई। 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि यदि किसी राजनेता को 2 वर्ष या उससे अधिक की सजा होती है तो वह जीवन भर चुनाव नहीं लड़ सकता। मनमोहन सरकार सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को पलटने के लिए संसद में ऑर्डिनेंस लायी। राहुल गांधी ने अपने ही सरकार द्वारा लायी गई उस ऑर्डिनेंस को पब्लिकली फाड़ कर फेंक दिया।“ 

फैक्ट चेक

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने इसके बारे में जानकारी एकत्रित की। इसके लिए सबसे पहले हमने वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। इसमें हमें साल 2012 की एक मीडिया रिपोर्ट मिली, जिसमें यह तस्वीर थी। रिपोर्ट ते मुताबिक राहुल ने फरवरी 2012 में यूपी विधानसभा चुनाव के प्रचार के समय लखनऊ में समाजवादी पार्टी और बसपा पर निशाना साधते हुए उनके चुनावी वादों की एक लिस्ट फाड़ दी थी। वही हमें और खोजने पर एनडीटीवी के यूट्यूब चैनल पर वो वीडियो भी मिला जिसमें वो उस कागज के टुकड़े को फाड़ते हुए नजर आ रहे थे। इस वीडियो को एनडीटीवी के यूट्यूब चैनल पर 16 फरवरी 2012 को अपलोड किया गया था। बता दें कि यह घटना उस अध्यादेश को लाने के एक साल पहले हुई थी जिसको फाड़ने का दावा वायरल पोस्ट में किया जा रहा है।

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अब बात करते हैं राहुल द्वारा अध्यादेश फाड़ने के दावे के बारे मे। हमें सर्च करने पर इंडियन नेशनल कांग्रेस के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला। जिसमें राहुल उस अध्यादेश के बारे में बात कर रहे हैं। 27 सितंबर 2013 को अपलोड किए गए इस वीडियो में राहुल कहते नजर आ रहे हैं कि, इस अध्यादेश के बारे में मेरी राय है कि ये पूरी तरह बेतुका है. इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए. ये मेरी निजी राय है. मैं दोहराता हूं, इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए। 

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इस तरह हमने अपनी पड़ताल में पाया कि राहुल ने सार्वजनिक रूप से यूपीए सरकार का अध्यादेश नहीं फाड़ा था, बल्कि उन्होंने इसे फाड़कर फेंकने की बात बोली थी।  

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