हनीट्रैप में फंसा एक और सरकारी अफसर, खुफिया जानकारी दुश्मन से साझा करने के हैं आरोप

  • महत्वपूर्ण प्रोजेक्टस में रहा है कुरूलकर का योगदान
  • उन्हें 3 मई को गिरफ्तार किया गया था

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-19 06:45 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान आए दिन कोई ना कोई हरकत कर भारत में तनाव बढ़ाने की कोशिश करता रहता है। इसी सिलसिले में अब एक और केस सामने आया है, जिसमें डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट विंग (DRDO) के एक आला अधिकारी को हनीट्रैप में फंसा कर, उससे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारी ली गई है। महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्कवाड (ATS) की तरफ से किए गए ऑपरेशन में डीआरडीओ के रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (R&De) (इंजीनियर्स) के निदेशक प्रदीप कुरूलकर को हनीट्रैप में फंस कर, दुश्मन देश से गुप्त जानकारी साझा करने के आरोप में 3 मई को गिरफ्तार कर लिया गया है। 59 वर्षीय कुरूलकर डीआरडीओ में कई अति संवेदनशील प्रोजेक्टस को संभाल रहे थे। साथ ही वह इसी साल नवंबर में रिटायर भी होने वाले थे।

क्या है पूरा मामला?

महाराष्ट्र एटीएस को मिली जानकारी के मुताबिक प्रदीप कुरूलकर सोशल मीडिया के जरिए जरा दास गुप्ता नाम की एक लड़की के संपर्क में आए। लड़की की ओर से धीरे धीरे नजदीकियां बढ़ाई गई और फिर उन्हें हनी ट्रैप में फंसा लिया गया। यह लड़की लंदन में रहने वाली एक भारतीय लड़की के रूप में कुरूलकर के सामने आई और खुद को उनका बहुत बड़ा फैन बताया। इसके बाद पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में उन्हें इस जाल में फंसा पाकिस्तानी जासूसों के संपर्क में लाया गया और उनसे लगातार खुफिया जानकारी ली गई।

महत्वपूर्ण प्रोजेक्टस में रहा है कुरूलकर का योगदान

वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रदीप कुरूलकर डीआरडीओ में अपने करियर के दौरान काफी सारे अहम प्रोजेक्टस का हिस्सा रहे हैं। उनका भारत के आर्मरी में लगभग सभी मिलाइलों के परीक्षण में अहम योगदान रहा है। कुरूलकर नवंबर में वैज्ञानिक एच के पद के साथ रिटायर होने वाले थे। यह पद डीआरडीओ में दूसरा सबसे बड़ा पद माना जाता है। कुरूलकर के सहयोगियों के मुताबिक उनकी गिरफ्तारी एक शॉक की तरह थी। जिसकी वजह थी प्रदीप का सुलझा हुआ और संवेदनशील व्यक्तित्व। सहयोगी आगे बताते हैं कि कुरूलकर को कहानियां सुनाने का बहुत शौक था और वो अक्सर अपनी अचीवमेंट्स और डीआरडीओ का गुणगान करते नहीं थकते थे। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के साथ किए गए काम के बारे में भी अक्सर वह ऑफिस में बताते रहते थे।

प्रदीप कुरूलकर को 3 मई को महाराष्ट्र एटीएस ने गिरफ्तार किया, जहां अदालत ने उनकी हिरासत को बढ़ा 15 मई तक कर दिया था। उनके पास से जब्त हुए इलेक्ट्रानिक उपकरणों से मैसेज और डेटा भी बरामद किया गया जो प्रदीप कुरूलकर पर लगे हुए आरोपों को सिद्ध करते हैं।

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