वट सवित्री व्रत: वट सवित्री व्रत पर महिलाओं ने की पूजा, पारंपरिक वेशभूषा में सज-धजकर सुबह से ही वट वृक्ष के नीचे बैठकर की कथा

  • वट सवित्री व्रत पर महिलाओं ने की पूजा
  • पूजा के लिए पारंपरिक वेशभूषा में सजी
  • वट वृक्ष के नीचे बैठकर की कथा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-07 13:14 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। शाहनगर मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचल बोरी, बिसानी और टिकरिया में ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि गुरूवार को महिलाओं ने बङे ही हर्षोल्लास के साथ वट सावित्री व्रत रखा। इस अवसर पर सुहागिन महिलाएं सुबह से ही मंदिरों और वट वृक्ष की पूजा कर परिवार की सुख समृद्धि और पति की दीर्घायु की कामना करती नजर आईं। अपनी पारंपरिक वेशभूषा में महिलाओं ने सज-धजकर सुबह से ही वट वृक्ष के नीचे बैठकर सत्यवान-सावित्री की प्रतिमा लगाकर विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर पति की लंबी उम्र एवं अपने परिवार के लिये सुख समृद्धि की मंगल कामना कर अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मांगा।

श्रीमति ललिता गौतम ने बताया की पुराणों के अनुसार वट वृक्ष के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और अग्रभाग में शिव का वास माना गया है। यही कारण है कि महिलाएं अपने पति और परिवार की सुख शांति के लिए केवल वट वृक्ष की पूजा करती हैं। व्रत के दौरान बरगद के पेड़ के चारों ओर घूमकर महिलाएं रक्षा सूत्र बांध कर आशीर्वाद भी मांगती हैं। 

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