Ganadhipa Sankashti Chaturthi: शुभ योग में करें भगवान गणेश की पूजा, इन चीजों का भोग लगाने से संकट होंगे दूर

  • यह व्रत 18 नवंबर 2024, सोमवार को रखा जा रहा है
  • व्रत रखने से जातक को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है
  • लड्डू के अलावा कई प्रकार के भोग लगा सकते हैं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-16 11:10 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का व्रत किया जाता है। वहीं मार्गशीष माह में आने वाली चतुर्थी तिथि को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी (Ganadhipa Sankashti Chaturthi) के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत रखकर शुभ योग में भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है। इस वर्ष यह व्रत 18 नवंबर 2024, सोमवार को रखा जा रहा है।

ऐसी मान्यता है कि, यह व्रत रखने से जातक को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही आपको इस दिन श्रीगणेश को कुछ विशेष चीजों का भोग भी लगाना चाहिए। इससे वे जल्दी ही आपसे प्रसन्न होते हैं और आप पर अपनी कृपा बरसाते हैं। आइए जानते हैं तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और भोग के बारे में...

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी तिथि कब से कब तक

चतुर्थी तिथि आरंभ: 18 नवंबर की शाम 6 बजकर 55 मिनट से

चतुर्थी तिथि समापन: 19 नवंबर की शाम 5 बजकर 28 मिनट तक

चन्द्रोदय का सम: 18 नवंबर की शाम 7 बजकर 34 मिनट पर

पूजन विधि

- सबसे पहले भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें।

- चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछाएं।

- इसके बाद श्री गणेश को जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें।

- अक्षत और फूल लेकर गणपति से अपनी मनोकामना कहें, उसके बाद ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें।

- इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाएं।

- त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें। इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें।

- पूजन के बाद चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें और लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।

इन चीजों का भोग लगाएं

चतर्थी तिथि के दिन आप भगवान श्री गणेश को लड्डू और मोदक का भोग तो लगाएं ही। इसके अलावा आप बप्पा को श्रीखंड, छप्पन भोग, शुद्ध घी और गुड़ आदि चीजों का भोग भी लगा सकते हैं। इससे आप पर गणेश जी की कृपा बनी रहती है और आपको किसी तरह के संकट का सामना नहीं करना पड़ता।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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