Guru Nanak Jayanti 2024: आज है गुरु नानक जयंती, जानिए उनकी 4 बड़ी यात्राओं और उपदेशों के बारे में

  • गुरु नानक जी के जन्मदिन को देश- दुनिया में मनाया जाता है
  • गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है
  • इस साल गुरु नानक जयंती 15 नवंबर को मनाई जा रही है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-15 06:42 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि कई मायनों में खास है। वहीं इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी के जन्मदिन को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को गुरु नानक जयंती और प्रकाश पर्व के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा उनके अनुयायी नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से भी संबोधित करते हैं। लद्दाख व तिब्बत में इन्हें नानक लामा भी कहा जाता है। इस साल गुरु नानक जयंती 15 नवंबर, शुक्रवार को है।

ऐसा कहा जाता है कि, सतगुरु नानक जी का आगमन अंधकार में प्रकाश के समान है, जो एक ईश्वरीय शक्ति का संदेश देने आए थे। ऐसे में इस दिन सिख धर्म के लोग लोग गुरुद्वारे जाकर गुरुग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं। साथ ही इस दिन गुरुद्वारों में भजन- कीर्तन किए जाते हैं और जगह-जगह लंगर लगाए जाते हैं। आइए जानते हैं नानक देव जी के उपदेश और उनकी चार बड़ी यात्राओं के बारे में...

विश्व की चार बड़ी यात्राएं

गुरु नानक जी ने सन 1500 में पहली यात्रा शुरू की थी, इस यात्रा के दौरान वो सुल्तानपुर, मुल्तान, सियालकोट पाकिस्तान, पानीपत, दिल्ली, बनारस, नानकमता नैनीताल, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वर, सोमनाथ, द्वारिका और आसाम तक गए। दूसरी, तीसरी और चौथी यात्रा के दौरान पातशाह कश्मीर, नेपाल, सिक्किम, तिब्बत, चीन और श्रीलंका गए। उन्होंने मक्का और अरब देशों में बगदाद तक सफर किया था। “एको भाई एको है, साहिब मेरा एको है” उन्होंने कहा कि मेरा ईश्वर एक है। वो सभी में बसता है। पातशाह ने समस्त मानवजाति को मानवीय आधार पर एक होने का आह्वान किया।

गुरु नानक जी के उपदेश

1. परम-पिता परमेश्वर एक है और वह हर जगह हर समय मौजूद हैं।

2. अपनी कमाई पूरी ईमानदारी के साथ करें और इसका 10वां हिस्सा परोपकार के लिए लगाना चाहिए।

3. नानक देव जी कहते थे कि, अपने समय का 10वां हिस्सा प्रभु भक्ति में लगाना चाहिए।

4. कभी भी बुरे कार्य नहीं करना चाहिए और ना ही किसी को सताना चाहिए।

5. नानक देव कहते थे कि, केवल वही बोलें, जो आपको मान-सम्मान दिलाए।

6. हमें कभी भी किसी का हक नहीं छीनना चाहिए, हमेशा जरूरतमंदों की भी मदद करनी चाहिए।

7. हमें हमेशा खुश रहना चाहिए और ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा याचना करना चाहिए।

8. धन को हमेशा जेब तक ही सीमित रखना चाहिए, उसे कभी अपने हृदय में स्थान नहीं देना चाहिए।

9. किसी भी व्यक्ति को दुनिया जीतने की भावना से पहले अपने अंदर की बुराइयों और गलत आदतों पर काबू करना चाहिए।

10. हमें हमेशा एक दूसरे से प्रेम, एकता, समानता और भाईचारे का संदेश देना चाहिए। 

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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