Moryai Chhath: कब है भाद्रपद मास की मोरयाई छठ, जानिए इसका महत्व

  • व्रत करने से मनुष्य को अश्वमेध यज्ञ के समान फल मिलता है
  • मोरयाई छठ व्रत पूर्ण श्रद्धा एवं भक्तिपूर्वक रखना चाहिए
  • मोरयाई छठ पर भगवान सूर्य की पूजा का भी महत्व है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-07 11:01 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मोरयाई छठ (Morai Chhath) के रूप में मनाया जाता है। इसे सूर्य षष्ठी या मोर छठ के नाम से भी जाना जाता है। दिन व्रत किया जाता है और सूर्यदेव की पूजा की जाती है। इसके अलावा इस दिन शादी की मोर का विसर्जन किया जाता है। शादी के बाद जब पहली बार मोरयाई छठ आती है तभी इसका विसर्जन कर दिया जाता है। इस वर्ष मोरयाई छठ को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

ऐसा कहा जाता है कि, भाद्रपद शुक्ल षष्ठी के दिन यह व्रत करने से मनुष्य को अश्वमेध यज्ञAccording to the Hindu calendar, the sixth day of the Shukla Paksha of the Bhadrapad month is celebrated as Morai Chhath. के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है। जो भी इस दिन व्रत करता है उसको मोरयाई छठ व्रत पूर्ण श्रद्धा एवं भक्तिपूर्वक रखना चाहिए। आइए जानते है इस दिन का महत्व...

क्या है इस दिन का महत्व

हिन्दू धर्म में विवाह के दौरान कई परंपराओं का निर्वाहन किया जाता है। इनमें वधु को सात फेरों के दौरान कुछ खास चीजें पहनने को दी जाती हैं। इनमें गले की माला हाथों में कंकन आदि चीजें शामिल होगी हैं। इनमें माथे पर लगाई जाने वाली मोर शामिल है, यह फेरों के समय वधु को पहनाई जाती है। जब विवाह के बाद पहली मोरयाई छठ आती है तो इन सभी चीजों को नदी या तालाब में विसर्जित कर दिया जाता है।

मोरियाई छठ पूजन विधि

- इस दिन सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हों।

- लाल चंदन व केसर से भगवान सूर्य की प्रतिमा बनाएं।

- प्रतिमा पर भगवान सूर्य को प्रिय वस्तुएं जैसे लाल चंदन, लाल फल, लाल वस्त्र आदि चढ़ाएं।

- इसके बाद घी का दीपक जलाएं।

- इस दिन सूर्य देव के विभिन्न नाम तथा मंत्रों का जाप अवश्य करें।

- ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें।

- पूजन के पश्चात शाम को चीनी, घी, फल, द्रव्य दक्षिणा वस्त्र ब्राह्मण को दान करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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