विनायक चतुर्थी: 19 साल बाद सावन के महीने में विनायक चतुर्थी पर बना विशेष योग, जानें शुभ मुहूर्त
- अधिक मास की विनायक चतुर्थी का व्रत 21 जुलाई को है
- तिथि आरंभ 21 जुलाई सुबह 06 बजकर 58 मिनट से होगा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। विनायक चतुर्थी गौरी पुत्र गणेश को समर्पित है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक माह में दो चतुर्थी आती हैं, जिसको संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। शुक्ल पक्ष को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। कहा जाता है कि प्रथम पूज्य कहे जाने वाले भगवान श्री गणेश की पूजा से समस्त कष्टों का नाश होता है।
इस बार अधिक मास की विनायक चतुर्थी का व्रत 21 जुलाई को रखा जाएगा। आपको बता दें कि सावन में अधिक मास की चतुर्थी 19 साल बाद आई है, इसलिए इस चतुर्थी का महत्व कई गुना बढ़ गया है। इस व्रत को रखने और पूजा करने से नकारात्मक प्रभाव दूर होते है और घर में शांति बनी रहती है।
तिथि शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि आरंभ: 21 जुलाई, शुक्रवार सुबह 06 बजकर 58 मिनट से
चतुर्थी तिथि समापन: 22 जुलाई, शनिवार सुबह 09 बजकर 21 मिनट पर
पूजा का समय: 21 जुलाई 11 बजकर 01 मिनट से 01 बजकर 28 मिनट तक
पूजा विधि
इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और नित्यक्रमादि से निवृत्त होकर स्नान करें।
साफ वस्त्र धारण करें और भगवान सूर्य को जल चढ़ाने के बाद व्रत का संकल्प लें।
घर में पूजा के स्थान को साफ करें और मंदिर में दीपक जलाएं ।
एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर इस पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
पूजा में 108 दूर्वा की पत्तियां लेकर बैठे, भगवान गणेश को दूर्वा, हार, और फूल अर्पित करें और मोदक या लड्डू का भोग लगाएं।
भगवान गणेश का गंगाजल से अभिषेक करें और गणेश जी का आह्वान मंत्र पढ़ते हुए पूजा प्रारंभ करें
इस मंत्र का जाप करें
मंत्र- ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ति प्रचोदयात्।
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