Vikata Sankashti Chaturthi 2024: जानें कब है विकट संकष्टी चतुर्थी, क्या है पूजा मुहूर्त और चंद्रोदय समय
यह व्रत 27 अप्रैल शनिवार को रखा जाएगा बप्पा की पूजा से सौभाग्य का वरदान मिलता है इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति होती है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। विकट संकष्टी चतुर्थी (Vikata Sankashti Chaturthi) का व्रत भगवान श्री गणेश को समर्पित होता है और यह बेहद कल्याणकारी माना जाता है। इस वर्ष श्रीगणेश भक्तों द्वारा यह व्रत 27 अप्रैल 2024, शनिवार को रखा जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि जो जातक इस दिन का व्रत रखकर पूरे विधि विधान से बप्पा की पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें सौभाग्य का वरदान मिलता है।
कहा यह भी जाता है कि इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश की आराधना करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं विकट संकष्टी चतुर्थी का महत्व और पूजन विधि...
विकट संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ: 27 अप्रैल 2024 को सुबह 08 बजकर 17 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त: 28 अप्रैल 2024 को सुबह 08 बजकर 21 मिनट तक
पूजा समय: सुबह 07.22 बजे से सुबह 09.01 बजे तक
रात्रि मुहूर्त - शाम 06.54 बजे से रात 08.15 बजे तक
पूजन विधि
- सबसे पहले सुबह स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहनें।
- पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें।
- चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछा लें।
- भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें और फिर उन्हें जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें।
- अक्षत और फूल लेकर गणपति से अपनी मनोकामना कहें, उसके बाद ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें।
- इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाना है।
- त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें. इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें।
- पूजन उपरांत चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें. पूजन के बाद लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।